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भिवानी-तोशाम-बवानी खेड़ाकी तीनों सीट कांग्रेस की झोली में डालगई प्रियंका गाँधीLIVE देखिये प्रियंका गाँधी गाँधी ने क्या कहा अपने भाषण में

प्रियंका गांधी की बवानी खेड़ा रैली आसपास के लगते विधानसभा क्षेत्र तोशाम भिवानी व् बवानी खेड़ा में कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत के लिए मिल का पत्थर साबित होगी सबसे पहले हम आकलन करें
प्रियंका गांधी की बवानी खेड़ा रैली आसपास के लगता विधानसभा क्षेत्र कौशल भिवानी बवानी खेड़ा में कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत के लिए मिल का पत्थर साबित होगी

 

 सबसे पहले हम आकलन करें: बवानी खेड़ा का
बवानी खेड़ा विधानसभा क्षेत्र में सीधा मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप नरवाल व भाजपा के प्रत्याशी कपूर वाल्मीकि में है यहां एक निर्दलीय प्रत्याशी मास्टर सतबीर रतेरा भी मैदान में है जिनका भी कुछ असर पड़ता दिख रहा है l लेकिन लोगों का मानना है कि मास्टर सतबीर रतेरा वोट काटू प्रत्याशी है जो थोड़ा बहोत नुकसान कांग्रेस पार्टी को पहुंचा रहे हैं l इसी के चलते कांग्रेस उम्मीदवार प्रदीप नरवाल को कुछ नुकसान होने की आशंकाए बनी हुई थी लेकिन प्रियंका गांधी की रैली में जो जन शैलाब उमड़ा और उसमें प्रदीप नरवाल के चुनाव क्षेत्र बवानी खेड़ा से बड़ी हिस्सेदारी को देखते हुए लगता है कि प्रदीप नरवाल बवानी खेड़ा चुनाव को अपने पक्ष में करने में कामयाब रहे हैं।

दूसरी बात करें भिवानी क्षेत्र से कांग्रेस समर्थित इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी कामरेड ओमप्रकाश की

दूसरी बात करें भिवानी क्षेत्र से कांग्रेस समर्थित इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी कामरेड ओमप्रकाश की।

बात करें तोशाम की तो सर्व विदित है कि यह क्षेत्र बंसीलाल कि राजनीति का गढ़ है l इस क्षेत्र में भी राजपूत समुदाय से निर्दलीय प्रत्याशी शशि रंजन परमार बीजेपी के काफी दिक्कतें पैदा कर रहे हैं l बीजेपी का बड़ा वोट बैंक राजपूत समुदाय है जिसमें शशि रंजन परमार की गहरी पैठ है और अपने समुदाय के मतों की संख्या के दम पर ही शशि रंजन परमार चुनावी जंग में आज़ाद उम्मीदवार की हासियर से उतरे हैं l बहरहाल शशि रंजन परमार चुनाव जीतेंगे या नहीं कह नहीं सकते लिखी बीजेपी की आशाओं पर तुषारापात जरूर करेंगे l

भिवानी: की राजनीतिक हालात ये हैं कि यहां बीजेपी को निर्दलीय प्रत्याशियों काबड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है बीजेपी के आधार वोटर आधार वोटर राजपूत और ब्रह्मण समुदाय मजबूत प्रत्याशियों के निर्दलीय रूप में उतरने से बीजेपी के लिए यह चुनाव काफी कठिनाइयों वाला हो सकता है समुदाय में राजपूत समुदाय के निर्दलीयउम्मीदवार अभिजीत लाल सिंह अपने समुदाय में काफी लोकप्रिय है।इसके अतिरिक्त आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार इंदु शर्मा भी ब्राह्मण समुदाय में काफी लोकप्रिय हैं माना जा रहा है की राजपूत और ब्राह्मण समाज के वोट अगर बीजेपी को नहीं मिले तो घनश्याम सर्राफ कि नैया मंझधार पर करने से वंचित हो लगा सकती है लगातार चार बार भिवानी से विधायक बनने वाले घनश्याम सर्राफ इस बार विधायकी से हाथ धो सकते हैं। इन सबकारणों को को देखते हुए इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार काबाद ओमप्रकाश विजय की उम्मीद बढ़ गई है। ऐसा माना जा रहा ही कि सोनिया गांधी के बावनी खेड़ा रैली में कॉमरेड प्रकाश के लिए वोट देने की अपील भी ओम प्रकाश को विजयी बनाने में कारगर साबित होगी।

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