‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान’ सदियों पुरानी कुप्रथा के अंत की शुरुआत : ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ एलायंस
•बाल विवाह के खात्मे के निर्णायक बिंदु तक पहुंचने के लिए 250 से भी अधिक गैरसरकारी के गठबंधन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ एलायंस ने किया हरसंभव सहयोग का वादा
•देश के 26 राज्यों के 416 जिलों के 50,000 गांवों में जमीनी स्तर पर काम कर रहे जेआरसी ने 2,50,000 से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए
* बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता के प्रसार और इसकी सूचना साझा करने के लिए जेआरसी सभी हितधारकों से तालमेल के साथ अभियान के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए करेगा काम
बाल विवाह के खात्मे के लिए देश के 26 राज्यों में काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के गठबंधन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ (जेआरसी) एलायंस ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से शुरू किए गए बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को सही दिशा में उठाया गया एक बेहद दूरगामी कदम करार दिया है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 (2019-2021) के आंकड़े बताते हैं कि देश में 20 से 24 साल की 23.3 प्रतिशत लड़कियों का विवाह उनके 18 वर्ष का होने से पूर्व ही हो गया था। ऐसे कोई दो राय नहीं कि सरकार के इस कदम से देश से बाल विवाह के खात्मे के प्रयासों को नई गति और ऊर्जा मिलेगी। बताते चलें कि सरकार व स्थानीय प्रशासन के साथ करीबी समन्वय से देश के 416 जिलों में जमीनी स्तर पर काम कर रहे ‘जेआरसी’ एलायंस ने प्रभावी कानूनी हस्तक्षेपों और परिजनों को समझाने बुझाने की रणनीति पर अमल करते हुए 2,50,000 से ज्यादा बाल विवाह रुकवाए हैं।
बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का उद्घाटन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में किया। इस व्यापक अभियान का लक्ष्य बाल विवाह के खिलाफ समाज के हर तबके में जागरूकता पैदा करना है। यह अभियान बाल विवाह के खात्मे के लिए ‘टिपिंग प्वाइंट’ यानी वह निर्णायक बिंदु जहां से समस्या अपने आप खत्म होने लगती है, तक पहुंचने के ‘जेआरसी’ एलायंस के प्रयासों को नई धार व ऊर्जा देगा। ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के उद्घाटन के मौके पर केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने इस बुराई के खात्मे में साझीदारी व भागीदारी पर जोर देते हुए खास तौर से नागरिक समाज की अहमियत को रेखांकित किया।
बाल विवाह के खिलाफ इस राष्ट्रव्यापी अभियान का पुरजोर समर्थन करते हुए ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ एलायंस के संस्थापक भुवन ऋभु ने कहा, “बाल विवाह मुक्त भारत के सपने को पूरा करने के लिए काम कर रहे सभी लोगों के लिए आज एक नई शुरुआत है। हम लंबी यात्रा तय कर इस मुकाम पर पहुंचे हैं और महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी की इस पहल से हमारे प्रयासों को व्यापक रूप से मजबूती मिलेगी। हम बाल विवाह मुक्त भारत बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाने के लिए सरकार के आभारी हैं क्योंकि हम जानते हैं कि यह देश से बाल विवाह की सदियों पुरानी कुप्रथा के अंत की शुरुआत है।”
अभियान के लक्ष्यों के साथ एकरूपता में जेआरसी के सहयोगी संगठन बाल विवाह के खिलाफ बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चला रहा है। गठबंधन का मानना है कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान पंचायतों, धार्मिक नेताओं, सामुदायिक कार्यकर्ताओं, सामुदायिक नेताओं के साथ जमीनी स्तर पर उनके प्रयासों को और मजबूती देगा। गठबंधन बाल विवाह की रोकथाम के लिए नीतियों, कानून प्रवर्तन, सतत जागरूकता और तकनीक का इस्तेमाल जारी रखेगा।