बालेरिना मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट और संयुक्त राष्ट्र की महिला आयोग (CSW) हरियाणा की मां को सम्मानित करेंगे, जिन्होंने अपनी 90% दिव्यांग बेटी को बनाया भजन गायिका
संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर करेगा उस मां को सम्मानित, जिसने अपने समर्पण और दृढ़ता से बेटी के जीवन को बदला।
पंचकूला, 27 दिसंबर, 2024 :-हरियाणा की हर्ष शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महिला सशक्तिकरण की सोच को वास्तविकता में बदलते हुए अपनी 90% दिव्यांग बेटी, तेजस्वनी शर्मा, को एक प्रसिद्ध भजन गायिका बना दिया है। इस अद्वितीय प्रेरणादायक यात्रा को मान्यता देते हुए, संयुक्त राष्ट्र की एनजीओ कमीशन ऑन द स्टेटस ऑफ वीमेन (CSW) और बालेरिना मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (BMI) ने हर्ष शर्मा को न्यूयॉर्क में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया है।
यह सम्मान न केवल एक मां के अद्वितीय प्रयासों को सराहना है बल्कि भारत की महिलाओं और दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
कमीशन ऑन द स्टेटस ऑफ वीमेन का 69वां सत्र 10 से 21 मार्च, 2025 के बीच संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, न्यूयॉर्क में आयोजित होगा। इस सत्र में गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) की सक्रिय भागीदारी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
BMI ट्रस्ट की संस्थापक और चेयरपर्सन रत्ना जोशी ने हर्ष शर्मा की प्रेरणादायक कहानी को विश्व पटल पर लाने में अहम योगदान दिया है। हर्ष ने इस अवसर के लिए BMI का आभार व्यक्त किया और महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहन देने के उनके प्रयासों की सराहना की। साथ ही, तेजस्वनी को न्यूयॉर्क के भारतीय वाणिज्य दूतावास में भजन गायन के लिए आमंत्रित किया गया है, जहां वह अपनी अद्वितीय प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी।
हरियाणा के पंचकूला की 37 वर्षीय तेजस्वनी शर्मा आज एक प्रसिद्ध भजन गायिका और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं। उनका यह सफर उनकी मां, हर्ष शर्मा के समर्पण और मेहनत का नतीजा है।
तेजस्वनी का जन्म जुलाई 1986 में हुआ, लेकिन चिकित्सा जटिलताओं के कारण वह 90% दिव्यांग हो गईं और अपने जीवन के पहले नौ साल बिस्तर पर बिताए। इस कठिन समय में, हर्ष ने तेजस्वनी को भजनों से जोड़ा। बिना देखे, बिना पढ़े और बिना लिखे, तेजस्वनी ने अपनी मां से सुन-सुनकर भजन गाना सीखा।
हर्ष के इन प्रयासों में उनके पति सुनील शर्मा ने भी पूरा साथ दिया। दोनों ने मिलकर तेजस्वनी की प्रतिभा को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाया। आज, तेजस्वनी अपनी मधुर आवाज के माध्यम से लाखों दिलों को छू चुकी हैं और अपने प्रदर्शन से कई सम्मान अर्जित किए हैं।
हर्ष शर्मा की कहानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी पहलों के साथ मेल खाती है, जो महिलाओं और बेटियों को सशक्त बनाने पर केंद्रित हैं। हरियाणा सरकार भी बीमा सखी जैसी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं के उत्थान में सक्रिय भूमिका निभा रही है।
हर्ष शर्मा का यह सफर उन परिवारों के लिए प्रेरणा है, जिनके बच्चे दिव्यांग हैं। यह संदेश देता है कि प्रेम, समर्पण और दृढ़ निश्चय से हर चुनौती को पार किया जा सकता है।
बालेरिना मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट और कमीशन ऑन द स्टेटस ऑफ वीमेन द्वारा हर्ष शर्मा को दिया गया यह सम्मान एक मां की ताकत और धैर्य की अद्भुत मिसाल है। तेजस्वनी का संघर्ष और उनकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि सही समर्थन और अवसरों से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है।
यह सम्मान न केवल हर्ष शर्मा के प्रयासों की सराहना है, बल्कि भारत को महिलाओं और दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने के क्षेत्र में एक अग्रणी देश के रूप में स्थापित करता है। यह प्रेरणादायक कहानी समाज और सरकार से यह आह्वान करती है कि वह ऐसे परिवारों को सहयोग देकर उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए ठोस कदम उठाएं।