बुराइयों को शिव पर अर्पित करना ही सच्ची महाशिवरात्री मनाना है: बीके प्रेम

24 फरवरी। नरेन्द्र विहार कुताना स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज की गीता पाठशाला में महाशिवरात्री महोत्सव पर शिव ध्वज कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बीके प्रेम बहन ने परमात्मा के दिव्य कर्तव्य व अवतरण दिवस का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा आज हम सभी परमात्मा शिव का ध्वज फहराने के लिए आए हैं। भारत वर्ष में शिवरात्री ही ऐसा पर्व है जिसको एक साल में दो बार मनाया जाता है और दोनों का अपना-अपना अलग-अलग महत्व है। परमात्मा शिव ज्योति बिदु रूप और ज्ञान के सागर हैं। महाशिवरात्रि का त्योहार अज्ञान के अधंकार की रात्रि को समाप्त कर ज्ञान का प्रकाश लाने का यादगार पर्व है। अपने जीवन से वैर अर्थात बुराइयों को शिव पर अर्पित करना ही सच्ची महाशिव रात्रि मनाना है। ब्रह्माकुमारीज सेवाकेन्द्रो पर प्रतिदिन भगवान के महावाक्य सुनाए जाते है, जिसे मुरली कहते है। उस मुरली को जीवन में अपनाना ही सफलता का मंत्र है। इस अवसर पर बीके संतोष काहनौर, बीके ऊमां, बीके ममता, बीके वेद, बीके भगवती, बीके कविता, बीके रेश्मा, बीके खुशी, बीके चित्रलेखा, बीके संतोष बामला व मीडिया कॉर्डिनेटर बीके धर्मवीर सहित अनेक ब्रह्मावत्स उपस्थित रहे।