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फीके फीके लगते हैं घनश्याम की मुरली के सुर: भिवानी से बीजेपी के घनश्याम सर्राफ की 5 वीं बार राह आसान नहीं दिखती

इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार कॉमरेड ओमप्रकाश इस बार दे सकते हैं घनश्याम को मात

 

 

  • घनश्याम की निष्क्रियता बनी घनश्याम की राह की सबसे बड़ी बाधा
  • जबकि कॉमरेड ओमप्रकाश व्यपारी कर्मचारी छात्र किसान और मजदूरों के आंदोलनों से ना केवल लगातार जुड़े रहते हैं वरनआंदोलन में पूरी तरह आत्मसात हो जाते हैं
  • इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार हलके के सभी वर्गों के दुःख तकलीफों में लोगों के साथ खड़े रहते हैं जिस से कॉमरेड ने भिवानी के लोगों के दिलों में जगह बना ली है आंदोलन चाहे शहर के व्यापरियों का हो किसानों का हो, मजदूरों का या फिर कर्मचारियों काछात्र -आंदोलन में भी उनकी अग्रणी भूमिका काफी सराहनीय होती है l लोगों का मानना है कि सरकार कांग्रेस की बने या बीजेपी की विधायक ऐसा हो जो लोगों के संघर्षों में उनके साथ खड़ा रहे l
  • क्या पार्टी के भरोसे पर 5 वीं बार खरे उत्तर पाएंगे घनश्याम
  • इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार कॉमरेड ओमप्रकाश इस बार दे सकते हैं घनश्याम को मात

 

भिवानी से बीजेपी के 5 वीं बार उम्मीदवार घनश्याम सर्राफकी राह आसान नहीं दिखती इस बार सर्राफ का मुक़ाबला एक ऐसे नेता से है जो जनता की जड़ों से जुड़ा हुआ है जिसके पास वामपंथी विचार धारा से जुड़ा मजबूत काडर मौजूद है l किसानों मजदुरों के साथ व्यापारियों के आंदोलनों में मजबूती के साथ खड़ा रहा है ऊपर से इंडिया गठबंधन का उन्हें पूरा समर्थन ये सभी खूबियां कॉमरेड ओमप्रकाश को बीजेपी उम्मीदवार घनश्याम सर्राफ से अलग खड़ा कर देतीं हैं l जबकि घनश्याम सर्राफ के खाते में २० साल की की खुद कि निष्क्रिय राजनीती के सात बीजेपी सरकार की १० साल की एंटी इंकम्बैंसी की स्थिति घनश्याम सर्राफ की स्थिति को कमजोर बना रही है l हालंकि चुनावी नतीजे के बारे में अभी से कुछ कह देना जनता के मतदान के अधिकार पर कुठारा घाट होगा लेकिन सब हालातों को देख कर लगता नहीं घनश्याम सर्राफ 5 वीं बार भिवानी विधान सभा से अपनाविजय रथ कायम रख पाएंगे
इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार कॉमरेड ओमप्रकाश इस बार दे सकते हैं घनश्याम को मात

 

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