
-अतिरिक्त उपायुक्त ने पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश को लेकर गठित कमेटियों के साथ की बैठक
राजेन्द्र कुमार
सिरसा, 24 अक्तूबर ।
अतिरिक्त उपायुक्त लक्षित सरीन ने कहा कि बढते पर्यावरण प्रदूषण पर रोक के लिए पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश जरुरी है। पर्यावरण प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त है। इसलिए जिला में कहीं पर भी फसल अवशेष जलाने की घटनाएं ना हों, इसके लिए अधिकारी फिल्ड में रहकर फसल कटाई एरिया में निगरानी रखें। कहीं पर भी आगजनी की सूचना मिलती है, तुरंत संबंधित के खिलाफ एक्शन लेकर कार्यवाही अमल में लाएं। अतिरिक्त उपायुक्त ने वीरवार को पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश को लेकर आगजनी की घटनाओं पर रोक व निगरानी के लिए गठित कमेटियों के साथ बैठक की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में एसडीएम राजेंद्र कुमार, एसडीएम अर्पित संगल, एसडीएम सुरेश रावेश, एसडीएम राजेश कुमार सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जिन भी अधिकारियों व कर्मचारियों की डयूटी इस कार्य में लगाई गई है, वे फिल्ड में रहकर काम करें। कहीं पर भी फसल अवशेष जलाने की घटना की सूचना मिलती है, तो तुरंत उसकी सूचना दें। संबंधित के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाए। कमेटी आपसी तालमेल बनाकर रखें।
फसल कटाई एरिया में रखें निगरानी, किसानों को करें जागरुक :
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जहां पर फसल कटाई हो रही है या हई है, उस एरिया में विशेष निगरानी रखी जाए। इसके साथ ही किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरुक करें और पराली प्रबंधन के कृषि यंत्रों उपलब्ध करवाए जाएं। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि वे पराली जलाने की घटनाओं को लेकर गंभीरता से कार्य करें। इस कार्य में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने धान की फसल के अवशेषों के इन-सीटू/एक्स-सीटू प्रबंधन के लिए प्रति एकड़ 1000 रुपये किसानों को दिए जाते हैं। इसी प्रकार रेड जोन में शून्य-जलन लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल करने वाली पंचायतों को एक लाख रुपये से पुरस्कृत किया जाएगा जबकि शून्य-जलन लक्ष्य तक पहुंचने वाले येलो जोन के गांवों को प्रोत्साहन के रूप में 50,000 दिए जाएंगे।
सिरसा, 24 अक्तूबर ।
अतिरिक्त उपायुक्त लक्षित सरीन ने कहा कि बढते पर्यावरण प्रदूषण पर रोक के लिए पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश जरुरी है। पर्यावरण प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त है। इसलिए जिला में कहीं पर भी फसल अवशेष जलाने की घटनाएं ना हों, इसके लिए अधिकारी फिल्ड में रहकर फसल कटाई एरिया में निगरानी रखें। कहीं पर भी आगजनी की सूचना मिलती है, तुरंत संबंधित के खिलाफ एक्शन लेकर कार्यवाही अमल में लाएं। अतिरिक्त उपायुक्त ने वीरवार को पराली जलाने की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश को लेकर आगजनी की घटनाओं पर रोक व निगरानी के लिए गठित कमेटियों के साथ बैठक की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में एसडीएम राजेंद्र कुमार, एसडीएम अर्पित संगल, एसडीएम सुरेश रावेश, एसडीएम राजेश कुमार सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जिन भी अधिकारियों व कर्मचारियों की डयूटी इस कार्य में लगाई गई है, वे फिल्ड में रहकर काम करें। कहीं पर भी फसल अवशेष जलाने की घटना की सूचना मिलती है, तो तुरंत उसकी सूचना दें। संबंधित के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाए। कमेटी आपसी तालमेल बनाकर रखें।
फसल कटाई एरिया में रखें निगरानी, किसानों को करें जागरुक :
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जहां पर फसल कटाई हो रही है या हई है, उस एरिया में विशेष निगरानी रखी जाए। इसके साथ ही किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरुक करें और पराली प्रबंधन के कृषि यंत्रों उपलब्ध करवाए जाएं। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि वे पराली जलाने की घटनाओं को लेकर गंभीरता से कार्य करें। इस कार्य में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने धान की फसल के अवशेषों के इन-सीटू/एक्स-सीटू प्रबंधन के लिए प्रति एकड़ 1000 रुपये किसानों को दिए जाते हैं। इसी प्रकार रेड जोन में शून्य-जलन लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल करने वाली पंचायतों को एक लाख रुपये से पुरस्कृत किया जाएगा जबकि शून्य-जलन लक्ष्य तक पहुंचने वाले येलो जोन के गांवों को प्रोत्साहन के रूप में 50,000 दिए जाएंगे।
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