प्रॉपर्टी आईडी सीधी सी बात : “मॉल खाये बांदरी डंडे खाये रीछ”
प्रॉपर्टी आईडी सरकार व् जनता के गले का फ़ांस बनी गई है सांप के मुंह में छछूंदर की हालत हो गई सरकार से ना निगलते बन रही है और ना ही उगली जा रही है हरियाणा सरकार ने प्रॉपर्टीआईडी को ठीक करने के लिए समाधान शिविर के नाम पर एक बार फिर से कवायद शुरू की है लसमाधान होगा या नहीं कह नहीं सकते लेकिन इतना तय है पहले से ही परेशान जनता की परेशानियां और बढ़ने वाली हैं परेशान लोगों का कहना है कि माल खागी याशी कमीशन खगे अफसर अर परेशानी जनता के सर ‘ सीधी सी बात या सै के ” माल खावै बांदरी, डंडे खावै रीछ” सरकार के इस फैसले से प्रॉपर्टी आई डी की गड़बड़ियों सर परेशान प्रदेश की जनता को एक बार फिर नगर निगम म्युनिसिपल के दफ्तरों में लाइन लगानी होगी l प्रॉपर्टी आई डी बनाने का आइडिया जरूर किसी कंपनी के इशारे पर किसी कमीशन खौर अफसर का रहा होगा l अन्यथा वर्षों से इस आईडी के बिना जनता का काम ठीक-ठाक चल रहा था
जिस कम्पनी को ठेका दिया गया उअका तो काम ठीक हो गया l कंपनी ने 88 शहरों में 4 लाख 27 हज़ार 449 प्रोपर्टी का सर्वे किया। टेंडर की शर्त थी कि कंपनी नगर पालिका सचिव, परिषद के ईओं से मौका पर सत्यापन करवाएगी तभी भुगतान होगा। उन्होंने कहा कि कंपनी के सर्वे में 95 प्रतिशत त्रुटियां पाई गई बावजूूद इसके कंपनी को 57.55 करोड़ का भुगतान कर दिया गया। इस से याशी को तो पूरा पेमेंट मिल गई अफसरों को कमीशन और जनता के हिस्से परेशानी ही आई ल जो समाधान शिविर की लाइन के साथ साफ टूर पर दिखेगी