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पिछड़े एवं दलित वर्ग से जुड़ी दर्जनों संस्थाओं ने कांग्रेस को समर्थन देने का किया एलान : कर्मवीर बोध

 

जंगशेर राणा, चंडीगढ़

हरियाणा के आगामी विधानसभा चुनावों में मतदान से पूर्व उस समय कांग्रेस पार्टी को भारी बल मिला, जब पिछड़े एवं दलित वर्ग से जुड़ी दर्जनों संस्थाओं ने उसे समर्थन देने का एलान किया। हरियाणा प्रदेश अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग परिसंघ के बैनर के नीचे समस्त हरियाणा प्रदेश की अनुसूचित जाति की लगभग 50 से अधिक सामाजिक संस्थाओं ने मिलकर एक प्रेस वार्ता करके इस आशय की घोषणा की। प्रेस वार्ता को परिसंघ के अध्यक्ष कर्मवीर सिंह के साथ साथ हरियाणा प्रदेश चमार कोऑर्डिनेशन के संयोजक एसपी चालिया, राजबीर सिंह (पानीपत), कृष्ण कुमार (सोनीपत), महिंदर पाल सिंह नागरा (यमुनानगर), प्रभु दयाल सिरोही (कैथल) व राज सिंह अंबाला ने भी संबोधित किया।

 

कर्मवीर सिंह ने बताया कि बेशक प्रदेश में इस समय ओबीसी वर्ग से आते नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री हैं परंतु वे ना तो बैकलॉग भर सके और ना ही पदोन्नति में आरक्षण दे दे सके, जोकि प्रदेश के दलित पिछड़ा वर्ग की मुख्य मांगें हैं।
इसके अलावा एससी/एसटी वर्ग के लिए इनकम क्राइटेरिया भी नहीं बढ़ाया।

 

इन नेताओं ने जानकारी दी कि बैठक कर गहन विचार विमर्श करने के उपरान्त अपनी 31 मांगों का दलित (चमार) एजेंडा मिशन 2024 तैयार किया था। इन सभी मांगों पर विचार करने के लिए पूरे हरियाणा प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। तत्पश्चात आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को इस दलित चमार एजेंडा को अपने घोषणा पत्र (मेनिफेस्टो) में शामिल करने के लिए उन्हें सौंपा गया। दलित चमार एजेंडे के शुरू में ही यह लिखा गया था कि जो भी पार्टी इस ऐजेंडे को लागू करने के लिए अपने मेनिफेस्टो में शामिल करेगी चमार जाति उसी पार्टी को वोट देगी।

कर्मवीर सिंह ने बताया कि सभी पार्टियों के मेनिफेस्टो का अध्ययन करने पर यह पाया गया कि कांग्रेस पार्टी ने दलित एजेंडा में वर्णित मांगों में से ज्यादातर मांगे अपने मेनिफेस्टो में शामिल की हैं। इसलिए सभी संस्थाओं ने सोच विचार करते अब यह निर्णय लिया है कि 5 अक्टूबर को समस्त दलित समाज के लोग कांग्रेस पार्टी को अपना वोट देंगे ताकि हमारी सभी मांगों को हरियाणा में बनने वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार से लागू करवाया जा सके।

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