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नवनिर्वाचित स्पीकर व डिप्टी स्पीकरअपने  पद पर बने रहने के दौरान अपनी मूल राजनीतिक पार्टी छोड़ने के लिए स्वतंत्र-बदल विरोधी कानून के के दायरे में नहीं होगी कार्रवाई

हरियाणा के नवनिर्वाचित स्पीकर और डिप्टी स्पीकर दोनों अपने अपने  पद पर बने रहने दौरान अपनी मूल राजनीतिक पार्टी
भाजपा छोड़ने के लिए स्वतंत्र — एडवोकेट

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट एडवोकेट और संवैधानिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार का कहना है कि 15 वीं हरियाणा विधानसभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर दोनों पदों पर सदन द्वारा सर्वसम्मति से निर्वाचित  घरौंडा से भाजपा विधायक हरविंद्र कल्याण और जींद से भाजपा विधायक कृष्ण मिड्डा  उक्त पदो पर निर्वाचित होने के बाद  अपनी मूल राजनीतिक पार्टी अर्थात भाजपा की सदस्यता स्वैच्छिक तौर पर छोड़ने के लिए संवैधानिक तौर पर स्वतंत्र हैं  और ऐसा करने से उन्हें बदल विरोधी कानून के अंतर्गत  विधानसभा सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित नहीं किया जा सकता है.

हेमंत ने भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची ( जिसे आम भाषा में दल बदल विरोधी कानून‌ कहा जाता है) के 5 वें पैरा का हवाला देते हुए बताया कि उसके अनुसार  जो‌‌‌ विधानसभा का सदस्य ( विधायक)  सदन के अध्यक्ष‌( स्पीकर) या उपाध्यक्ष‌ ( डिप्टी स्पीकर) के पद पर  निर्वाचित होने उपरांत उस राजनीतिक दल की सदस्यता स्वैच्छिक तौर पर छोड़ देता है जिसके टिकट पर वह विधायक निर्वाचित हुआ था  और जब तक वह उस पद  अर्थात स्पीकर अथवा डिप्टी स्पीकर  रहता है न तो अपनी मूल राजनीतिक पार्टी और न किसी और राजनीतिक दल की सदस्यता ग्रहण करता है, उस पर दल बदल विरोधी कानून के प्रावधान‌ लागू नहीं  होंगे. पैरा 5 के भाग बी में यह भी उल्लेख है कि स्पीकर या डिप्टी स्पीकर के पद से स्वयं हटने या हटाए जाने के बाद वह विधायक‌ पुनः अपनी मूल राजनीतिक पार्टी में सम्मिलित होने के लिए भी स्वतंत्र है और ऐसा करने पर भी उस पर दल बदल विरोधी कानून के प्रावधान लागू नहीं होंगे.14 वीं लोकसभा में सीपीएम ( मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) के सोमनाथ चटर्जी ने लोकसभा स्पीकर निर्वाचित होने के बाद अपनी मूल राजनीतिक पार्टी सीपीएम की सदस्यता छोड़ दी  थी.

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