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नई सरकार में  प्रदेश के मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद  को मिल सकता है सेवा में  एक्सटेंशन !

    • क्या  हरियाणा की नई सरकार में  प्रदेश के मुख्य सचिव को मिल सकता है सेवा में  एक्सटेंशन 
    •   इसी माह 31 अक्टूबर को टी.वी.एस.एन. प्रसाद  की आई.ए.एस. से सेवानिवृत्ति निर्धारित 
    •  मौजूदा  नियमानुसार प्रदेश सरकार की अनुशंसा पर केंद्र सरकार द्वारा मुख्य सचिव को अधिकतम 6 माह की एक्सटेंशन संभव – एडवोकेट हेमंत 
    • हुड्डा सरकार में  तीन तत्कालीन मुख्य सचिवों  को प्राप्त हुआ था  सेवा- विस्तार 

चंडीगढ़ – हरियाणा सरकार के वर्तमान मुख्य सचिव 1988 बैच के आईएएस अधिकारी  टी.वी.एस.एन. प्रसाद   अढ़ाई माह पूर्व 1 अगस्त 2024 को नियमित तौर पर प्रदेश के मुख्य सचिव बने थे हालांकि उससे पूर्व साढ़े चार माह की समयावधि तक उनके पास मुख्य सचिव के पद का  अतिरिक्त कार्यभार भी  रहा था जब तत्कालीन मुख्य सचिव संजीव कौशल  इसी वर्ष 15 मार्च से 30 जुलाई तक अवकाश पर  चले गए थे एवं उनके  बाद प्रदेश आईएएस कैडर में वरिष्ठतम  प्रसाद ही थे,  जो हालांकि तब   प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ए.सी.एस.) एवं वित्तायुक्त, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के तौर पर तैनात थे एवं साथ साथ उनके पास प्रदेश के गृह सचिव का भी अतिरिक्त  कार्यभार भी रहा था.

बहरहाल,   पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट एवं प्रशासनिक  मामलों के जानकार  हेमंत कुमार ( 9416887788)   ने   बताया कि सोमवार 14 अक्टूबर 2024 को  हरियाणा के  मुख्य सचिव  टी.वी.एस.एन. प्रसाद  60 वर्ष की आयु पूरी कर  चुके हैं चूंकि उनकी जन्म तिथि 14 अक्टूबर 1964 हैं.  हालांकि   वह किसी संवैधानिक पद पर नहीं अपितु  आईएएस कैडर के लिए निर्धारित प्रदेश सरकार के वरिष्ठतम मुख्य सचिव  पद पर तैनात हैं एवं चूँकि   अखिल भारतीय सेवाएं (मृत्यु एवं सेवानिवृति लाभ) नियमावली, 1958 के नियम  16 (1 )  के  अनुसार आईएएस/आईपीएस/आइएफ़एस अधिकारी  जिस महीने 60 वर्ष की आयु पूर्ण करता है, उसी माह की अंतिम तारिख की  दोपहर से वह  सेवानिवृत्त होता है. इसलिए मुख्य सचिव प्रसाद इसी महीने 31 अक्टूबर को आईएएस की सेवा से रिटायर होंगे.
हेमंत ने आगे बताया कि नवम्बर, 2005 में उपरोक्त नियम में केंद्र सरकार द्वारा  किये गये संशोधन के फलस्वरूप  हालांकि अगर राज्य सरकार केंद्र को  प्रदेश के मुख्य सचिव को सेवा अर्थात आईएएस में  एक्सटेंशन (सेवा-विस्तार)  के लिए जन-हित में  अपनी ओर ठोस  सिफारिश भेजे, तो केंद्र सरकार  मुख्य सचिव के पद पर तैनात एवं रिटायर होने वाले आईएएस अधिकारी को   अधिकतम  छः माह तक की सेवा में   एक्सटेंशन प्रदान कर  सकती है. हरियाणा में सर्वप्रथम वर्ष 1996 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव एम.सी.  गुप्ता  को तत्कालीन बंसी लाल सरकार के दौरान अगस्त, 1996 से जनवरी , 1997 तक छह माह का सेवा विस्तार दिया गया था. उस समय हालांकि आईएएस अधिकारियों की सेवानिवृति की आयु 58 वर्ष होती थी जिसे बाद में मई, 1998 में बढ़ा कर  60 वर्ष कर दिया गया था. ग्यारह   वर्ष पूर्व  2013 में  भूपेंद्र  हुड्डा सरकार में तत्कालीन  मुख्य सचिव पी.के. चौधरी को जुलाई, 2013 से दिसंबर, 2013 तक ऐसी ही छः माह की एक्सटेंशन प्रदान दी गयी थी.   दस वर्ष पूर्व  हुड्डा सरकार के ही  दौरान 2014 में   प्रदेश  की पूर्व मुख्य सचिव शकुंतला जाखू, जो हालांकि 30 सितम्बर, 2014 को रिटायर होने वाली थी परन्तु तत्कालीन  13वीं हरियाणा विधानसभा आम चुनावो के चलते उन्हें 30 नवंबर, 2014 अर्थात दो माह और अपने पद पर रहने दिया गया था. इसी प्रकार जाखू से पहले के मुख्य सचिव  एस.सी. चौधरी जो  30 अप्रैल 2014 को सेवानिवृत  होने वाले थे, उन्हें भी तत्कालीन लोकसभा आम चुनावो के चलते  31 जुलाई, 2014 तक मुख्य सचिव रहे थे.
 हेमंत   ने इस विषय पर आगे बताया  कि मौजूदा व्यवस्था अनुसार अखिल भारतीय  सेवाओं जैसे आईएएस/ आईपीएस / आईएफएस  अधिकारियों को उनकी रिटायरमेंट अर्थात 60 वर्ष की आयु के बाद सेवा में एक्सटेंशन (सेवा विस्तार ) देने की शक्ति केवल केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति सम्बन्धी समिति के पास ही होती है जिसमें  मौजूदा तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ही शामिल है. वर्ष 1958 की सेवानिवृत्ति नियमावली के नियम 16 (1 ) में उपरोक्त समिति द्वारा छूट देकर ही ऐसे अधिकारियों की रिटायरमेंट  आयु  के बाद एक्सटेंशन दी जा सकती है परन्तु ऐसा  केवल विशेष परिस्थितियों में ही किया जाता है.

बहरहाल, अगर किसी    आईएएस  अधिकारी  को केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति  द्वारा तत्काल या फिर सेवा में एक्सटेंशन नहीं प्राप्त होती, तो  ऐसी परिस्थिति में प्रदेश   सरकार उन्हें  अधिकतम तीन माह तक उनके वर्तमान पद पर कायम रख सकती है. विगत कुछ वर्षो  से हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश कैडर के कुछ  आईएएस  अधिकारियों को  उनकी  सेवानिवृति  के बाद तीन माह तक री-एम्प्लॉयमेंट (पुनर्नियुक्ति ) प्रदान कर उन्हें उसी पद पर तैनात किया गया था  जिस पर वह उनकी  रिटायरमेंट के समय तैनात होते हैं. प्रदेश के  रिटायर्ड आईएएस को ऐसी पुनर्नियुक्ति देने की परम्परा  पूर्ववर्ती हुड्डा  सरकार द्वारा  आरम्भ की गयी थी.

हेमंत  ने   बताया कि  आईएएस  (कैडर) नियमावली, 1954 के नियम 9(1) का प्रयोग कर  राज्य सरकार द्वारा  ऐसा किया जाता है  हालांकि  इस नियम में रिटायर्ड आईएएस की  पुनर्नियुक्ति करने का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है.   वास्तव में यह  नियम किसी कैडर पद  पर नॉन-कैडर अधिकारी की  अस्थायी रूप से नियुक्ति (तैनाती  ) करने से संबंधित है. इसी आधार पर  राज्य सरकार रिटायर्ड आईएएस अधिकारी को  नॉन-कैडर अधिकारी मानते हुए  तीन माह तक के लिए  आईएएस  कैडर पद पर तैनात (पुनर्नियुक्त) कर  देती है.

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