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जो बोले सो निहाल के जयकारों से गूंजी भिवानी,श्री गुरुनानक देव जी का प्रकाश पर्व 15 को
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- 15 को श्री गुरुनानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाया जाएगा
- सतगुरू नानक प्रगटिया मिटी धुंध जग चाणन होइया
- एक नूर ते सब जग उपजाया कोन भले सो मंदे..
- श्री गुरूनानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर शहर में निकाली शोभा यात्रा
- भिवानी, : श्रीगुरू नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर शहर में शोभा यात्रा का आयोजन किया गया।
- शोभायात्रा को
- जो बोले सो निहाल …सत श्री अकाल के जयकारे के साथ रवाना किया।
गुरपर्व की पूर्व संध्या पर शोभा यात्रा में श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी को फूलों से सजी पालकी में रख भक्तों के दर्शानार्थ शहर के मुख्य बाजारों में ले जाया गया। गुरू के खालसे का रूप में पंच प्यारों ने हाथो में नगीं तलवारें लेकर श्री गुरुग्रंथ साहिब जी की अगुवाई की और जो बोले सो निहाल के जयकारे लगा कर वाहेगुरु का जाप किया। पांच प्यारो के आगे महिलाओं ने झाड़ू से सफाई करके व पानी छिडक़कर रास्ते को पवित्र किया व फूलों की बौछार की। शोभा यात्रा में सजाई गई भव्य पालकी जब शहर के मुख्य मार्गो से निकली तो शहरवासियों ने नतमस्तक होकर श्री गुरू ग्रंथ साहिब को नमस्कार किया।
यह शोभा यात्रा भिवानी के घंटाघर स्थित गुरूद्वारा से शुरू होकर कृष्णा कलोनी, दिनोद गेट, जोगीवाला मंदिर,
देवसर चुंगी गुरुद्वारा साहिब में अरदास के पश्चात
हालु बाजार, जैन चौक, बिचला बाजार, सराय चौपटा से होती हुई घंटाघर स्थित नए गुरूद्वारे पर संपन्न हुई।
तलवंडी साहिब से पहुंचे अखाड़ा गतका गु्रप के माहिर गुरसिक्ख बच्चों ने अलग-अलग अंदाज में करतब दिखाकर देखने वालों को स्तबद्ध कर दिया। जो भी करतब के जौहर दिखाए, जिन्हे देखकर शहरवासी अपने दांतो तले उंगली दबाने पर मजबूर हो गए।
सिख धर्म में गतका (मार्शल आर्ट) पंजाब का पारंपरिक खेल है, जिसके प्रति लोगों की धार्मिक आस्था भी जुड़ी है।
शोभा यात्रा में रास्ते में गुरु संगतो ने प्रसाद बांट खूब सेवा कर आर्शीवाद प्राप्त किया। गुरूद्वारा में शहरवासियों ने श्रद्धापूर्वक नि:स्भाव भाव से सेवा की। गुरूपर्व से पहले से रोजाना प्रताभ फेरी का आयोजन भी किया जा रहा था।
गुरूद्वारा सिंह सभा के प्रधान इंद्रमोहन सिंह ने बताया कि नेक कमाई करके जीवन को सफल करो और उस परमात्मा का नाम जपो, जिसने सृष्टि की रचना की है तथा मिलजुल कर बांट कर खाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरूनानक देव जी ने मानवता के लिए जो कुछ किया, उसका उदाहरण मिलना मुश्किल है। उन्होंने धार्मिक नियमों और रीति-रिवाजों को लेकर बराबरी का संदेश दिया। गुरू जी ने सभा, सौदा व लंगर प्रथा चलाकर एक संदेश दिया तथा ऊंच-नीच के भेद को मिटाने का कार्य किया।
उन्होने बताया कि पहली पातशाही श्री गुरू नानक देव जी प्रकाश पर्व के आगमन की खुशी में प्रभात फेरियों का आयोजन किया जा रहा है। शोभा यात्रा से अगले दिन 15 नंवबर को गुरू की संगत की ओर से गुरूद्वारा सिंह सभा में श्री गुरुनानक देव जी का प्रकाश पर्व बड़ी धूम धाम से मनाया जाएगा। जिसमें अन्य राज्यों से बुलाए गए रागी जत्थे कीर्तन द्वारा संगतो को गुरूबाणी से सरोकार करेगें। श्री गुरुग्रंथ साहिब जी के अखंड पाठ के समापन के बाद गुरू जी का लगंर भी चलाया जाएगा।