जल्द जींद की डीएसपी को सस्पैंड कर गिरफ्तार नहीं किया तो प्रदर्शन होगा और भी उग्र : पिलानिया

- ड़ताल के 9वें दिन फूटा अधिवक्ताओं का गुस्सा
- डीएसपी को सस्पैंड व गिरफ्तार ना होने से गुस्साएं अधिवक्ताओं ने किया रोष प्रदर्शन
- पुलिस अधिकारियों की तानाशाही के खिलाफ आवाज उठा रहे है अधिवक्ता : सत्यजीत पिलानिया
भिवानी, 11 सितंबर : जिला बार एसोसिएशन जींद के प्रधान व अन्य अधिवक्ताओं से दुव्र्यवहार की आरोपी जींद की डीएसपी गीतिका जाखड़ को सस्पैंड व गिरफ्तार किए जाने की मांग को लेकर प्रदेश भर के अधिवक्ता पिछले 9 दिनों से हड़ताल पर है। जिसके चलते प्रदेश भर की विभिन्न कोर्टो में अधिवक्ताओं से संबंधित सभी कार्यो पर ब्रेक लगा हुआ है। जिसका खामियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। इसी कड़ी में जिला बार एसोसिएशन भिवानी के प्रधान सत्यजीत पिलानिया के नेतृत्व में भिवानी के अधिवक्ता भी हड़ताल पर है तथा जींद की डीएसपी को सस्पैंड कर गिरफ्तार किए जाने की मांग कर है।
अधिवक्ताओं की मांग की अनदेखी के चलते उनमें रोष बढ़ता जा रहा है तथा इसी रोष स्वरूप उन्होंने हड़ताल के 9वें दिन बुधवार को शहर में रोष प्रदर्शन किया तथा जींद की डीएसपी को सस्पैंड व गिरफ्तार करने की मांग उठाई। इस मौके पर जिला बार एसोसिएशन भिवानी के प्रधान सत्यजीत पिलानिया ने कहा कि कुछ दिन पूर्व जींद बार एसोसिएशन के प्रधान और अन्य अधिवक्ताओं के साथ वहां की डीएसपी द्वारा बदसलूकी की गई थी।
पुलिस अधिकारियों की इसी तानाशाही के खिलाफ अधिवक्ता आवाज उठा रहे है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो पुलिस सेवा-सुरक्षा-सहयोग का नारा देती है, लेकिन वही दूसरी तरफ उनके पास फरियाद लेकर जाने वाले लोगों से बदसुलूकी कर उनके आत्मसम्मान को ठेंस पहुंचाई जाती है, जो कि गलत है। पिलानिया ने कहा कि प्रदेश भर के अधिवक्ता पिछले 9 दिनों से जींद की डीएसपी को सस्पैंड कर गिरफ्तार किए जाने की मांग उठाते आ रहे है, लेकिन पुलिस प्रशासन इस दिशा में कोई कार्य नहीं कर रहा। जिसके चलते अधिवक्ताओं का गुस्सा निरंतर बढ़ता जा रहा है। पिलानिया ने कहा कि अधिवक्ताओं का आज का रोष प्रदर्शन मात्र एक चेतावनी है, यदि अब भी पुलिस प्रशासन व सरकार नहीं चेता तथा अधिवक्ताओं से बदसुलूकी करने वाली जींद की डीएसपी को सस्पैंड कर गिरफ्तार नहीं किया गया तो अधिवक्ताओं का रोष रोजाना उग्र रूप लेता जाएगा।
इस अवसर पर उपप्रधान रवि राय, पूर्व उपप्रधान मुकेश गुलिया, ऑडिटर रविंद्र ग्रेवाल, संयुक्त सचिव राकेश जोगी, ओमपाल पोटलिया, मनोज तंवर, सतेंद्र घणघस, नरेंद्र पंघाल, सुशील ढि़ल्लो, जसवंत चांगिया, अनिल साहु, सुरेश मेवलीवाल, योगेंद्र सिंह, राकेश तंवर, नीरज जोगी, सुमित चांदना, मनेंद्र सिंह, अरविंद श्योराण, महेश धमीजा, पीयूष वर्मा, विजय गढ़वाल, अनिल गुज्जर, योगेंद्र भालोठिया, ठाकुर बलजीत सिंह, मीना जांगड़ा, रीतू शर्मा, मनेंद्र तंवर, रमेश सांगवान, विजय गढ़वाल, राजबीर यादव, पवन जांगड़ा, मुकेश जांगड़ा, गजेंद्र सिंह, राजीव सोनी, महेश धमीजा, ओमपाल पोटलिया, अशोक नेहरा, आनंद धायल, प्रदीप वशिष्ठ, मुकेश मलिक, विजय गढ़वाल, अनिल गहलावत, अनिल गुज्जर, मनोज खन्ना सहित अन्य अधिवक्तागण मौजूद रहे।