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चरित्रवान और निष्ठावान नागरिक समाज और राष्ट्र उत्थान में निभाता है अहम भूमिका : कैप्टन मलिक

 

स्वामी नित्यानंद पब्लिक स्कूल रोहतक में शुरू हुआ सात दिवसीय एन एस एस शिविर।

15 फरवरी शनिवार को स्वामी नित्यानंद पब्लिक स्कूल रोहतक में सात दिवसीय एन एस एस शिविर का शुभ आरंभ हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे कैप्टन जगबीर मलिक, स्कूल निदेशक सुमित मलिक, प्रिंसिपल नीतिका मलिक ,वरिष्ठ अध्यापक दिलीप सिंह और प्रोग्राम ऑफिसर डॉक्टर वीरेंद्र सिंह, अशोक कुमार और संदीप ने ज्योति प्रज्वलित कर तालिया की गड़गड़ाहट के बीच एन एस एस कैंप का विधिवत उद्घाटन किया। वरिष्ठ अध्यापक दिलीप सिंह ने उद्घाटन में पहुंचे मुख्य अतिथि कैप्टन जगबीर मलिक का सभी से परिचय कराया और उन्हें व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया। कैप्टन मलिक ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए विद्यार्थी जीवन और उसके उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विद्यार्थी का मुख्य उद्देश्य शिक्षा ग्रहण कर अच्छा नागरिक बनना होता है। विद्या व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए अति आवश्यक है। एक शिक्षित नागरिक अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के लिए बहुत उपयोगी होता है। इसलिए आप सबको पुस्तकों के ज्ञान के साथ-साथ संस्कारित नैतिक शिक्षा का ज्ञान भी होना चाहिए । अच्छे संस्कार व्यक्ति के चरित्र और व्यवहार को निखारते हैं। समाज आपसे अपेक्षा करता है कि आप संस्कारवान, चरित्रवान और राष्ट्रभक्त नागरिक बने और आगे चलकर राष्ट्र की सेवा करें। अपने व्याख्यान के दूसरे सोपान में कैप्टन मलिक ने सभी प्रकार के नशों
से विद्यार्थियों को अवगत करवाते हुए इसकी बुराइयों और बुरे प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारियां प्रदान की। उन्होंने बताया कि नशा व्यक्ति के मानसिक शारीरिक और आत्मिक विकास को किस प्रकार से प्रभावित कर व्यक्ति को सद्
मार्ग से कुमार्ग पर ले जाता है। नशे रूपी महामारी के दलदल में फंसा व्यक्ति अपना मान सम्मान ,धन दौलत और चरित्र का पतन करता है। नशे की लत में फंसा व्यक्ति अपना और अपने बच्चों के भविष्य भी बर्बाद कर लेता है। इसलिए आप सभी को अपने उज्जवल भविष्य के लिए हर प्रकार के नशे से बचकर रहना है । ऐसे किसी भी साथी या व्यक्ति के प्रभाव में न आए जो किसी भी रूप में नशे का सेवन करता हो ,क्योंकि संगत का असर जरूर पड़ता है। रहीम जी ने कहा है , रहिमन यो सुख होत है परोपकारी के अंग ,बाटन वारी को लगे ज्यो मेहंदी का रंग।।
उनका कहने का भावार्थ यही था कि व्यक्ति जिस प्रकार की संगत में रहता हैं उसका प्रभाव उस पर जरूर पड़ता है। इसलिए बुरी संगत से बचें नशे रूपी महामारी के दलदल में न फंसे और हमेशा अपना ध्यान अपनी पढ़ाई पर रखें ताकि आप अच्छी शिक्षा प्राप्त कर बुलंदियों पर पहुंचे । अपने व्याख्यान के समापन पर कैप्टन मलिक ने सभी विद्यार्थियों और स्टाफ को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई। कार्यक्रम के अंत में स्कूल प्रबंधन की तरफ से स्मृति चिन्ह भेंट कर कैप्टन मलिक को सम्मानित किया गया।

 

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