चरखी दादरी से कलियाणा सड़क मार्ग पर ओवरलोडेड वाहनों का अत्यधिक आवागमन आम राहगिर और किसानों के लिए बना परेशानी,भाकियू प्रतिनिधिमंडल सदस्यों ने सड़क को फोर लाइन बनाने की उठाई मांग… जगबीर घसौला
नरेंद्र राजपूत, चरखी दादरी। एम.एस.पी.किसान मोर्चा प्रदेश संयोजक जगबीर घसौला ने बतलाया कि चरखी दादरी से कलियाणा जाने वाली सड़क की हालत बिल्कुल जर्जर हो चुकी है जिस सड़क से प्रतिदिन 10 हजार से भी ज्यादा कमर्शियल ओवरलोडेड वाहन, हजारों निजी वाहन, और सवारी गाड़ियों के आवागमन के कारण अब आए दिन सड़क हादसों में वाहन चालकों एवं राहगीरों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है आज प्रदेश के हालात को देखते हुए जंगल राज छाया हुआ है पहाड़ों को तोड़कर 300 फीट गहरे गड्ढे खोद दिए पत्थर चोरी की लूट मची हुई है सरकार और जिला प्रशासन की बिल्कुल नाक के तले अवैध माइनिंग चल रही है सरकार पहाड़ और टोल प्लाज़ा के जरिए सिर्फ रेवेन्यू इकट्ठा कर रही है लेकिन बदले में नागरिकों की सुविधा के लिए ना तो कोई नई सड़क बना रही और ना ही पुरानी टूटी फूटी सड़कों की मरम्मत करके उन्हें चौड़ा कर रही है प्रदेश सरकार चरखी दादरी से जितना रेवेन्यू इकट्ठा करती है उसका 10% भी विकास कार्यों पर खर्च नहीं कर रही
जगबीर घसौला ने कहा कि प्रदेश महासचिव रणबीर फौजी घिकाड़ा के नेतृत्व में प्रदेश उपाध्यक्ष रामकुमार सोलंकी मंदोला,भूप सिंह फौजी,महताब सिंह,ओम प्रकाश धानक,राजेंद्र उर्फ इल्लड़ फोगाट,सतवीर फोगाट,विनोद कुमार नोदी फोगाट,विजय कुमार,राजू ,बनी सिंह, कालू फोगाट,पोनी फोगाट,विजय,विनेश विक्रम,चांद सिंह इत्यादि गामड़ी के किसानो ने कलियाणा मार्ग पर इकट्ठे होकर विरोध जताते हुए किसानों ने कहा कि पूरी सड़क टूटी पड़ी है आए दिन हो रहे सड़क हादसों को देखकर खेतों के लिए दुपहिया वाहन लेकर किसानों को सड़क से गुजरते समय ट्रक की चपेट में आने का भैय सताने लग गया है क्योंकि सड़क के दोनों तरफ कटीली झाड़ियां खड़ी है राहगीर को पैदल निकलने तक की जगह नहीं है
राजेंद्र फौगाट ने कहा कि सड़क से वाहनों के आवागमन को देखते हुए क्षमता के अनुसार काफी समय पहले ईस सड़क को फोर लाइन बना देना चाहिए था लेकिन सरकार एवं प्रशासन का अवैध माइनिंग,ओवरलोड वाहनों पर अंकुश लगाने और वाहनों के आवागमन के अनुसार चौड़ी सड़क बनाने की तरफ कोई ध्यान नहीं है अगर समय रहते जल्द सड़क को चौड़ी करके पुनर्निर्माण नहीं किया गया तो किसान कल्याण रोड पर अनिश्चितकालीन धरना देने पर मजबूर होंगे