गांव बलियाली में भगवान श्रीलक्ष्मी नारायण की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ संपन्न
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विभिन्न वर्गो के सबसे बुजुर्ग ग्रामीणों को किया सम्मानित : महेंद्र ओड़
भिवानी, 21 नवंबर : गांव बलियाली में बीसी चौपाल के नजदीक स्थित खातियों वाले मंदिर में भगवान श्रीलक्ष्मी नारायण की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया। जानकारी देते हुए ओड समाज के पूर्व प्रधान महेंद्र सिंह ओड ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बवानीखेड़ा के बाबा रामरूप डेरा बाबा के महंत गुमानदास महाराज, बवानीखेड़ा के सोमारपुरी डेरा बाबा के महंत कैलाशगिरी महाराज, बवानीखेड़ा के जर्नानाथ डेरा बाबा के महंत योगी ब्रह्मनाथ महाराज का सान्निध्य रहा। जिसमें डा. मनोज शास्त्र सहित पांच पंडितों द्वारा पांच दिनों तक प्राण प्रतिष्ठा समारोह के तहत कार्यक्रमों क आयोजन किया गया था। उन्होंने बताया कि प्राणा प्रतिष्ठा समारोह के तहत सुबह हवन एवं पूजा, प्राण प्रतिष्ठा, पूर्णाहुति, विसर्जन व भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे में दूर-दराज से अनेक श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इसके उपरांत गांव बलियाली के सरपंच सचिन सरदाना, रामुपुरा के सरपंच मुकेश शर्मा सहित विभिन्न वर्गो के सबसे अधिक उम्र के बुजुर्गो को सम्मानित किया गया। इस मौके पर महंतों ने कहा कि भगवान लक्ष्मी नारायण की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का हिंदू धर्म में अत्यधिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह प्रक्रिया देवता की मूर्ति को एक पवित्र उपस्थिति प्रदान करती है और इसे जीवंत, जाग्रत और पूजनीय बनाती है। प्राण प्रतिष्ठा संस्कार मुख्य रूप से देवताओं की मूर्ति को प्राण (जीवन) से भरने का प्रतिकात्मक अनुष्ठान है, जिसमें देवता को आमंत्रित कर उनके दिव्य आशीर्वाद प्राप्त किए जाते हैं। इस अवसर पर ओड समाज के पूर्व प्रधान महेंद्र सिंह ओड ने कहा कि भगवान लक्ष्मी नारायण की प्राण प्रतिष्ठा ना केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह भक्तों को आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करता है। यह प्रक्रिया भगवान के प्रति अटूट भक्ति और समर्पण का प्रतीक है, जो जीवन में शुभता, शांति, और समृद्धि लाती है। उन्होंने कहा कि यह अनुष्ठान भक्तों के मन में विश्वास, श्रद्धा और समर्पण की भावना को बढ़ाता है। भगवान लक्ष्मी नारायण की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से धन, वैभव, समृद्धि और परिवार में सुख-शांति की प्राप्ति मानी जाती है। इस अवसर पर पंडित रघुबीर मास्टर शर्मा, ठाकुर मलखान सिंह, मामनचंद जांगड़ा, बडालिया लुहार, रामप्रकाश पुजारी पंजाबी प्रमाणी मंदिर बलियाली, अमर सिंह जांगड़ा खातियों का मंदिर, फूल सिंह किसान नेता, मांगेराम रेहडू जेमलपुरा, रामफल स्वामी, रामअवतार सेठ बलियाली, सुदामा सोनी, पृथ्वीराम सैन, धर्मसिंह प्रजापत, बाबा रामकुमार जोगी,