गुरु नानकदेव ने मानवता को सत्य, करुणा और सेवा का मार्ग दिखाया : सुरेंद्र संभ्रवाल
पालेराम चैरिटेबल ट्रस्ट ने गुरू नानकदेव के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया नमन
भिवानी, 14 नवंबर : गुरु नानकदेव सिख धर्म के संस्थापक एवं पहले गुरु थे, जिन्होंने मानवता को सत्य, करुणा और सेवा का मार्ग दिखाया। उनके उपदेशों में धार्मिक एकता, ईश्वर में विश्वास, और परोपकार का विशेष महत्व है। ऐसे में हमें गुरू नानकदेव के दिखाए मार्ग पर चलकर धार्मिक एकता, ईश्वर में विश्वास, और परोपकार की राह को अपनाना चाहिए, ताकि सामाजिक भाईचारे को मजबूत बनाया जा सकें। यह बात पालेराम चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक सुरेंद्र संभ्रवाल ने गुरू नानकदेव की जयंती की पूर्व संध्या पर वीरवार को स्थानीय सैक्टर-13 में आयोजित कार्यक्रम के दौरान चित्र पर पुष्प अर्पित करने उपरांत कही। संभ्रवाल ने कहा कि गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को तलवंडी (वर्तमान में पाकिस्तान में ननकाना साहिब) में हुआ था। उन्होंने समाज में व्याप्त अंधविश्वास, भेदभाव, और जाति-पाति जैसी कुरीतियों का विरोध किया और एक ईश्वर की भक्ति का प्रचार किया। उनका संदेश था कि सभी मनुष्य एक समान हैं और भगवान को पाने का मार्ग सच्चाई, करुणा, परिश्रम, और ईमानदारी है। उनकी शिक्षाएं उनके उपदेशों में संकलित है, जो गुरु ग्रंथ साहिब में पाई जाती हैं। उन्होंने नाम जपो, किरत करो और वंड छको का संदेश दिया, जिसका अर्थ है भगवान का नाम जपना, ईमानदारी से काम करना और दूसरों के साथ मिल-बांट कर खाना। गुरु नानक देव जी के उपदेशों ने समाज को एकता, प्रेम, और मानवता का पाठ पढ़ाया और सिख धर्म की नींव रखी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जन को चाहिए कि वह गुरू नानकदेव जी की शिक्षाओं का अनुसरण करने का संकल्प लें। इस अवसर पर दीपक मास्टर, निवास, रोहित, विरेन्द्र सिंह मिंटू, आरिफ, शशी सहित अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।