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खादी की सफेदी पर चिट्टे की कालिख

नेताओं के संज्ञान में होने के बावजूद बंद नहीं हो रहा नशे का कारोबार
देश के गृहमंत्री और मुख्यमंत्री ने स्वीकारा, सिरसा में बिकता है चिट्टा

राजेंद्र कुमार
सिरसा। देश के प्रधानमंत्री लगातार बढ़ रहे नशे और इससे होने वाली मौतों से चिंतित हैं। हम इसे खत्म करेंगे और इसकी शुरू

आत हरियाणा प्रदेश से की जाएगी। यह बात राजस्थान, पंजाब व हरियाणा की त्रिवेणी कहे जाने वाले सिरसा की जमीन पर भीड़ भरी

रैली में गृहमंत्री अमित शाह ने कही। स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी ओढां की अपनी रैली में नशे से होने वाली मौतों का जिक्र किया

था। इतने बड़े ओहदों पर बैठे राजनेताओं के संज्ञान में तमाम बातें और किस्से होने के बावजूद नशे का नेक्सस टूटने का नाम नहीं ले

रहा। हालात इतने गंभीर हैं सिरसा जिले में सालभर में सैंकड़ों युवक नशे के कारण मौत का शिकार हो चुके हैं।
इस नशे ने पंजाब में कैप्टन की सरकार को लील लिया। हरियाणा के राजनेताओं को गांवों में घुसने पर डर लगने लगा और केंद्र की सरक

ार तक ेके हाथ पांव फूल गए लेकिन नशे के कारोबारी इतने बरजोर हैं कि उनके गले तक कानून का फंदा नहीं पहुंच पा रहा।
सिरसा की गौरवशाली भारत रैली में भारत का यही गौरव गान गृहमंत्री कर रहे थे कि उनके संज्ञान में नशे के कारोबार की बात है लेकिन

इसका कोई हल नहीं निकल पाया। वे हरियाणा आए तो नशे को रोकने की शुरूआत हरियाणा से करने का कहकर चले गए। पंजाब जाने

पर यही बात वहां की जाती है। हर रोज बॉर्डर से खबरें आती हैं कि पाकिस्तान की ओर से ड्रोन पर करोड़ों रुपए की ड्रग्स उतरती है। क

ई बार बीएसएफ ने नशा पकड़ा भी है लेकिन उसके कारोबारियों को धरती निगल जाती है या आसमान, इसका पता नहीं चलता।
हरियाणा के सीमावर्ती सिरसा, राजस्थान के गंगानगर, हनुमानगढ़ व पंजाब के मानसा और मुक्तसर जैसे जिले इस अभिशाप से थक गए

हैं। हर घर के नौजवान तिल-तिल कर इसकी मार से मारे जा रहे हैं। नशे के कारण काल के गाल में जाने वाले नौजवानों के घरों की

असीम और अंतहीन विपदा को कोई समझ पाएगा, यह बड़ा सवाल है। बेरोजगारी से उपजने वाली इस बीमारी से लगभग हर दूसरा

तीसरा परिवार परेशान और प्रभावित है। चुनावों में नशा एक बड़े मुद्दे के तौर पर उभरता तो है लेकिन चुनाव के अवसान तक इसका

खुमार उतर जाता है और जीतने वाले अपने काम पर लग जाते हैं।
आम जनमानस के मुद्दों से इतर राजनेता नशे को लेकर आक्षेप, आरोप और प्रत्यारोप की राजनीति करने लगे हैं। हरियाणा के मंत्री रणजीत

सिंह पर उनके विधायक भतीजे अभय सिंह चौटाला खुल्लम खुल्ला इल्जाम लगाते हैं कि नशे के कारोबार में मंत्री के करीबियों के हाथ

सने हुए हैं। मंत्री रणजीत सिंह इसी तरह के आरोप अपने भतीजे पर लगा देते हैं। ऐसे गंभीर आरोपों के बावजूद गृहमंत्री हरियाणा के म

ंत्री के यहां जलपान करने पहुंच गए जबकि स्वयं रणजीत सिंह अपने चुनाव के दौरान एक महीने में नशा खत्म करने के वादे करते रहे।

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