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कार सेवक स्वर्गीय सरदाराम पाल झांसा के परिवार सहित सभी कार सेवकों के घरों में भी जश्न का माहौल ।

चंडीगढ़,(राणा) । 500 वर्ष बाद भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण का सपना पूरा होने पर देश भर में जश्न का माहौल है !वहीं गांव झांसा में भी बाबरी मस्जिद गिराने को लेकर गए कार सेवकों में शामिल कुरुक्षेत्र के गांव झांसा के स्वर्गीय सरदा राम पाल की धर्मपत्नी परवारी देवी जो की जीवन के 100 बसंत देख चुकी है इस उम्र में अब उनकी आंखों की पुतलियां पूरी तरह नहीं खुल रही है लेकिन वह इस पल की गवाह बनी है और अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव को लेकर उनका जोश देखते ही बनता है ! भगवान श्री राम मंदिर के निर्माण को लेकर जहां उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं वही वह उनके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी कोटि-कोटि आभार व्यक्त करने से गुरेज नहीं करती! उन्होंने कहा कि आज करोड़ भारतवंशियों का सपना सच हो गया है जिसकी कभी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था! अतीत की बातों को याद कर उन्होंने बताया कि जोश में उत्साह का माहौल है! एक दिन पूर्व ही उनके परिवार में सभी ने इस पावन पर्व की खुशी में घर में हवन यज्ञ करवा कर भगवान श्री राम की महिमा का गुणगान गुणगान भी किया था ! परवारी देवी ने बताया कि उनके उनके सहित अनगिनत कर सेवकों को आज संतोष व खुशी है कि उनके परिवार के सदस्यों ने पल के लिए लाठियां और गोलियां खाई थी अब भगवान श्री राम का पवित्र पावन धाम बनकर तैयार हो रहा है! उन्होंने बताया कि जब उनके पति स्वर्गीय सरदा राम पाल गडरिया समाज से जो कि प्रदेश भर में इस समाज से इकलौते कार सेवक थे !

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता व हरियाणा साहित्य अकादमी के सदस्य दिवंगत धनीराम भारती के साथ दिवंगत पूर्व सरपंच हेमराज गिरधर ,दिवंगत बंताराम लोहिया, दिवंगत अमरनाथ गाबा, दिवंगत भगवान दास गिरधर, दिवंगत भगवान दास कक्कड़ के अलावा रामस्वरूप दहिया, पंडित ओम प्रकाश शर्मा ,रामकुमार कंसल ही अभी जीवित बचे हैं !परवारी देवी ने बताया कि जब उनके पति बाबरी मस्जिद गिराने के लिए अयोध्या गए थे! उसे दौरान वहां पर गोलियां चलने और लाठी चलने की बात सुनने में आई थी !जिसके बाद पूरा परिवार सहम गया था और जब तक उनके पति सरदा राम सहित अन्य सदस्य सकुशल घर वापस नहीं लौटे थे !तब तक परिवार सहित गांव के लोगों में चिंता बनी रही! उन्होंने बताया कि उस वक्त इतने सूचना के संसाधन भी नहीं थे! ऐसे में उनके आने के बावजूद ही परिवार को तसल्ली हुई! चांदीराम गिरधर ने बताया कि उनके बड़े भाई दिवंगत भगवान दास गिरधर भी अयोध्या में गए थे !इस दौरान उन पर लाठी चार्ज भी हुआ था लेकिन भगवान राम के प्रति अटूट श्रद्धा और विश्वास के समक्ष लाठियां और गोलियां भी कुछ नहीं कर पाई !पंडित ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि वह लगभग वर्ष 1992 में अयोध्या पहुंचे! उस वक्त तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह थे! जिसमें प्रत्येक राज्यवार कार सेवकों की ड्यूटी लगी हुई थी !

उनके साथ पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, अशोक सिंहल ,पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, साध्वी रितंभरा देवी सहित सैकड़ो की संख्या में राम भक्त मौजूद थे! जिसमें महाराष्ट्र से आई हुई दो कुंवारी आचार्य बहनों ने सबसे पहले बाबरी मस्जिद के गुंबद पर चढ़ाई की थी !जिसके लिए उन्होंने रस्से में पत्थर बांधकर गुंबद पर फेंक का और उसी रस्से के सहारे वहां चढ़े थे !उन्होंने बताया कि यह बात 6 दिसंबर 1992 की है जबकि वे यहां से 4 तारीख को ही कुरुक्षेत्र से ऊंचाहार ट्रेन में रवाना हुए थे !इस दौरान उनके साथ तत्कालीन आरएसएस के नेता सतपाल रोसा भी थे!जहाँ वे अयोध्या में रजक धोबी मंदिर में ठहरे थे !इसके बाद उन्होंने अन्य कार सेवकों के साथ बाबरी मस्जिद ढहाई थी! स्वर्गीय सरदाराम पाल की तीसरी पीढ़ी से विनोद पाल होलकर मौजूदा समय में भारतीय जनता पार्टी के जींद जिला के विस्तार के रूप में पार्टी में सेवाएं दे रहे हैं! इससे पूर्व वे मुख्यमंत्री विधानसभा करनाल के विस्तार के रह चुके हैं !जबकि दिवंगत धनीराम भारती मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बहुत ही प्रिय मित्रों में से एक थे !अक्सर जब भी मनोहर लाल संघ के प्रचार के नाते झांसा आना होता था तो उनका ठहराव धनीराम भारती के आवास पर ही होता था! इस दौरान धनीराम भारतीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा भाजपा की बात नामक पत्रिका भी निकाली गई थी! इसके संपादक धनीराम भारती थे है !यही नहीं मनोहर पार्ट वन के समय मुख्यमंत्री ने जब शपथ ली थी तो उसे वक्त धनीराम भारती को मुख्यमंत्री की ओर से विशेष निमंत्रण देकर शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया था !जबकि इससे पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भी इस्माईलाबाद में रथ यात्रा के दौरान धनीराम भारती की पीठ थप थपा चुके हैं!

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