कल के कलाकार राष्ट्रीय नृत्य प्रतियोगिता का द्वितीय चरण संपन्न
राष्ट्रीय नृत्य प्रतियोगिता के सेमीफाईनल के लिए 20 बच्चों का हुआ चयन, 15 को होगा समीफाईनल
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भिवानी, 05 दिसंबर : शिक्षा व खेल के क्षेत्र में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोडऩे वाले भिवानी के युवाओं को अब नृत्य जैसी कला में भी आगे बढऩे का अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से कौशिक नाट्य नृत्य अकादमी द्वारा 29 दिसंबर को कल के कलाकार राष्ट्रीय नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन करवाया जाएगा, जिसके लिए ऑडिशन कार्यक्रम अपने अंतिम पड़ाव पर है। जिसके तहत विभिन्न स्कूलों मे ऑडिशन करवाकर बच्चों का चयन उनकी प्रतिभा के आधार पर किया जा रहा है। इसी कड़ी में गांव जताई स्थित सनराईज हाई स्कूल में कल के कलाकार प्रतियोगिता के लिए मेगा ऑडिशन का आयोजन किया गया। इसमें गांव मुंढाल, धनाना व जताई के विभिन्न विद्यालयों के करीबन 60 बच्चों ने हिस्सा लिया। मेगा ऑडिशन में हरियाणवी, राजस्थान, पंजाबी, बॉलिवुड नृत्य की धूम रही तथा ऑडिशन में 20 बच्चों का चयन सेमीफाइनल के लिए किया गया, जो कि 15 दिसंबर को होगा। जिसमें बच्चो का हौसला बढ़ाने अवॉर्ड विनिंग फिल्म दादा लखमी और फौजा के अभिनेता नवीन कुमार पहुंचेंगे। ऑडिशन के दौरान अनिल वत्स, घनश्याम शर्मा, प्राचार्य राममेहर, निदेशक संदीप, निदेशक रीतू, फूलम दे स्कूल से कृष्ण कुमार एवं एसकेएसजे पब्लिक स्कूल से निदेशक कप्तान फोगाट, को-ऑर्डिनेटर कृष्ण रांगी सहित स्टाफ सदस्य प्रवीण, सीमा, सुनीता, मोनिका, सुमन सहित अन्य स्टाफ सदस्य एवं विद्यार्थी मौजूद रहे। कौशिक नाट्य नृत्य अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रतियोगिता के आयोजक पवन कुमार कौशिक ने बताया कि ऑडिशन प्रतियोगिता में एकल नृत्य में दो वर्ग बनाए गए थे। पहला वर्ग 4 वर्ष से 14 वर्ष तक की आयु के प्रतिभागियों के लिए तथा दूसरा वर्ग 14 वर्ष से अधिक की आयु के लिए बनाया गया। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता का ग्रैंड फिनाले 29 दिसंबर को भिवानी में ही होगा, जिसमें फिल्मी कलाकारों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। जिसके विजेता प्रतिभागी को एक लाख रूपये के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। अभिनेत्री नैना कौशिक एवं कार्यक्रम आयोजक अनिल वत्स ने कहा कि नृत्य प्रतियोगिता केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं है, बल्कि यह कला, स्वास्थ्य, संस्कृति और व्यक्तित्व विकास का संगम है। विद्यालय निदेशक संदीप व निदेशक रीतू ने कहा कि नृत्य जैसी प्रतियोगिताओं में भाग लेने से एक तरफ जहां सृजनात्मकता व आत्मविश्वास बढ़ता है तो वही दूसरी शरीर को चुस्त-दुरूस्त व स्वस्थ रखा जा सकता है। इसीलिए विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ इस प्रकार की गतिविधियों में भी भाग लेन चाहिए।