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कल के कलाकार नृत्य प्रतियोगिता के लिए ऑडिशन में 20 बच्चों का अगले चरण के लिए हुआ चयन

स्वास्थ्य, संस्कृति और व्यक्तित्व विकास का संगम है नृत्य प्रतियोगिता : अनिल वत्स

भिवानी, 23 नवंबर : 29 दिसंबर को कौशिक नाट्य नृत्य अकादमी द्वारा आयोजित करवाए जाने वाली कल के कलाकार राष्ट्रीय नृत्य प्रतियोगिता के लिए इन दिनों ऑडिशन कार्यक्रम आयोजित करवाए जा रहे है, ताकि बच्चों को उनकी प्रतिभा के अनुरूप आगे बढऩे का अवसर मिल सकें तथा वे शिक्षा व खेलों से हटकर नृत्य जैसी प्रतिभा में भी अपनी छाप छोड़ सकें। इसी कड़ी में शनिवार को गांव जताई स्थित सनराईज हाई स्कूल में कल के कलाकार प्रतियोगिता के लिए ऑडिशन कार्यक्रम आयोजित हुआ। ऑडिशन कार्यक्रम में विद्यालय के अनेक बच्चों ने प्रतिभा के दम पर सभी का अचंभित कर दिया। ऑडिशन में हरियाणवी, राजस्थान, पंजाबी नृत्य की धूम रही। इस दौरान एक छोटी बच्ची ने कालो कूद पड़ो मेला में, गाने पर नृत्य कर सभी का मन मोह लिया। ऑडिशन के दौरान 20 बच्चों का चयन किया गया। ऑडिशन के दौरान नैना कौशिक, अनिल वत्स, घनश्याम शर्मा, प्राचार्य राममेहर, निदेशक संदीप, निदेशक रीतू, को-ऑर्डिनेटर कृष्ण रांगी सहित स्टाफ सदस्य प्रवीण, सीमा, सुनीता, मोनिका, सुमन सहित अन्य स्टाफ सदस्य एवं विद्यार्थी मौजूद रहे। कौशिक नाट्य नृत्य अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रतियोगिता के आयोजक पवन कुमार कौशिक ने बताया कि ऑडिशन प्रतियोगिता में एकल नृत्य में दो वर्ग बनाए गए थे। पहला वर्ग 4 वर्ष से 14 वर्ष तक की आयु के प्रतिभागियों के लिए तथा दूसरा वर्ग 14 वर्ष से अधिक की आयु के लिए बनाया गया। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता का ग्रैंड फिनाले 29 दिसंबर को भिवानी में ही होगा, जिसमें फिल्मी कलाकारों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। जिसके विजेता प्रतिभागी को एक लाख रूपये के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस मौके पर अभिनेत्री नैना कौशिक एवं कार्यक्रम आयोजक अनिल वत्स ने कहा कि नृत्य प्रतियोगिता केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं है, बल्कि यह कला, स्वास्थ्य, संस्कृति और व्यक्तित्व विकास का संगम है। यह प्रतिभागियों को जीवन में अनुशासन, मेहनत और लक्ष्य प्राप्ति की ओर प्रेरित करती है। इस मौके पर विद्यालय निदेशक संदीप व निदेशक रीतू ने कहा कि नृत्य जैसी प्रतियोगिताओं में भाग लेने से एक तरफ जहां सृजनात्मकता व आत्मविश्वास बढ़ता है तो वही दूसरी शरीर को चुस्त-दुरूस्त व स्वस्थ रखा जा सकता है। इसीलिए विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ इस प्रकार की गतिविधियों में भी भाग लेन चाहिए।

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