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क़ानूनी जानकार एडवोकेट‌ हेमंत का दावा:  परिवार पहचान पत्र का डाटा  नगर निकाय चुनावों में पिछड़ा वर्ग (ए) और पिछड़ा वर्ग (बी) को आरक्षण प्रदान करने के करना सर्वथा गलत है. इसे कोर्ट में चुनौती मिल सकती है चुनौती

 

  • क़ानूनी जानकार एडवोकेट‌ हेमंत का दावा:  परिवार पहचान पत्र का डाटा  नगर निकाय चुनावों में पिछड़ा वर्ग (ए) और पिछड़ा वर्ग (बी) को आरक्षण प्रदान करने के करना सर्वथा गलत है. इसे कोर्ट में चुनौती मिल सकती है चुनौती
  • हरियाणा शहरी निकाय विभाग द्वारा  8 नगर निगमों की  सीट निर्धारण  बारे  ताजा नोटिफिकेशन‌ प्रकाशित
  • परिवार सूचना डेटा कोष के फार्मूला अनुसार 7 नगर निगमों में 2011 जनगणना की अपेक्षा बढ़ी जनसंख्या हालांकि हिसार नगर निगम में 11 हजार‌ आबादी घटी
  • हरियाणा परिवार पहचान कानून के अंतर्गत एकत्रित डेटा का प्रयोग  नगर निकाय चुनाव में‌ पिछड़े वर्ग‌ को आरक्षण हेतू करने पर  सवाल — एडवोकेट‌ हेमंत

चंडीगढ़ -शुक्रवार 20 दिसम्बर 2024 :हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा प्रदेश  के शासकीय गजट में प्रकाशित एक ताज़ा नोटिफिकेशन  मार्फ़त
प्रदेश की कुल 11 में से 8 नगर नियमों, जहाँ आगामी कुछ सप्ताह में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आम चुनाव करवाए जाने हैं  नामतः फरीदाबाद, गुरुग्राम, मानेसर, रोहतक, पानीपत, यमुनानगर, करनाल तथा हिसार की कुल सीटों अर्थात   वार्डों का निर्धारण करने संबंधित
ताजा नोटिफिकेशन प्रकाशित की गई है.फरीदाबाद नगर निगम में  46 , गुरूग्राम नगर निगम में 36, पानीपत‌ नगर निगम में 26, यमुनानगर और रोहतक नगर निगमों में 22-22 एवं करनाल, हिसार और मानेसर  नगर निगमों में प्रत्येक में 20-20 सीटें निर्धारित किए गई हैं.

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट एडवोकेट हेमंत कुमार‌‌‌  ने बताया कि
उक्त नोटिफिकेशन शहरी निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव, विकास गुप्ता, आई.ए.एस. के हस्ताक्षर से जारी हुई  है जिसमें उल्लेख है कि हरियाणा परिवार पहचान कानून,  2021 के अंतर्गत स्थापित  परिवार सूचना डाटा कोष से प्राप्त की गई जनसंख्या या संबंधित नगर निगम  क्षेत्र के पंजीकृत मतदाताओं के 140 प्रतिशत में से, जो भी अधिक हो, के अनुसार
हिसार नगर निगम  की  ताजा कुल जनसंख्या 3 लाख 50 हजार 161  जिसमें बी.सी. (पिछड़ा वर्ग)-ब्लाक ए की आबादी 63 हज़ार 596 जबकि बी.सी. ब्लाक बी की जनसंख्या  40 हजार 724 दर्शाई गई  है.  वर्ष 2011 में हुई पिछले  सेन्सस (जनगणना) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार हिसार न‌.नि.  की जनसंख्या 3 लाख 61  हजार  303  एवं  एस.सी. (अनुसूचित जाति) की आबादी 59 हजार 773  थी.

इस प्रकार गत 13 वर्षों अर्थात 2011 में हुई‌‌ देश की जनगणना की अपेक्षा वर्तमान में हरियाणा परिवार पहचान कानून, 2021 के अंतर्गत स्थापित परिवार सूचना डेटा कोष के  पैमाने अनुसार  हिसा‌र नगर ‌निगम की जनसंख्या 11 हजार कम हो गई है हालांकि‌ शेष  सभी 7 नगर निगमों  में ताजा जनसंख्या का आंकड़ा वहाँ की  वर्ष 2011 की जनगणना आंकड़े के मुकाबले बढ़ा है.

वहीं‌ फरीदाबाद नगर निगम  की कुल जनसंख्या 18  लाख 88 हजार 200  है जिसमें बी.सी. (पिछड़ा वर्ग)-ब्लाक ए की आबादी  1 लाख 87 हज़ार 421  जबकि बी.सी. ब्लाक बी की जनसंख्या  1 लाख 37 हजार 272 दर्शाई गई  है. इसी के साथ साथ उल्लेख है कि  वर्ष 2011 में हुई पिछले  सेन्सस (जनगणना) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार फरीदाबाद‌ न‌.नि.  की जनसंख्या 15  लाख 13 हजार  147  एवं  एस.सी. (अनुसूचित जाति) की आबादी 1 लाख 70  हजार 789  थी.

गुरूग्राम नगर निगम  की  ताजा कुल जनसंख्या 10  लाख 82 हजार 188  जिसमें बी.सी. (पिछड़ा वर्ग)-ब्लाक ए की आबादी  86 हज़ार 369  जबकि बी.सी. ब्लाक बी की जनसंख्या  1 लाख 4 हजार 741 दर्शाई गई  है. इसी के साथ साथ उल्लेख है कि  वर्ष 2011 में हुई पिछले  सेन्सस (जनगणना) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार गुरुग्राम न‌.नि.  की जनसंख्या 9  लाख 56 हजार  923  एवं  एस.सी. (अनुसूचित जाति) की आबादी 87  हजार 930  थी.

पानीपत नगर निगम  की  ताजा कुल जनसंख्या 6  लाख 24 हजार 433  जिसमें बी.सी. (पिछड़ा वर्ग)-ब्लाक ए की आबादी 1 लाख 84 हज़ार 723  जबकि बी.सी. ब्लाक बी की जनसंख्या  54 हजार 277 दर्शाई गई  है.  वर्ष 2011 में हुई पिछले  सेन्सस (जनगणना) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पानीपत न‌.नि.  की जनसंख्या 4  लाख 84 हजार  350  एवं  एस.सी. (अनुसूचित जाति) की आबादी 63  हजार 299  थी.

यमुनानगर  नगर निगम  की  ताजा कुल जनसंख्या 4 लाख 91 हजार 2  जिसमें बी.सी. (पिछड़ा वर्ग)-ब्लाक ए की आबादी 1 लाख 40 हज़ार 466  जबकि बी.सी. ब्लाक बी की जनसंख्या  35 हजार 567 दर्शाई गई  है.  वर्ष 2011 में हुई पिछले  सेन्सस (जनगणना) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार यमुनानगर न‌.नि.  की जनसंख्या 4  लाख 78 हजार  574  एवं  एस.सी. (अनुसूचित जाति) की आबादी 84  हजार 642  थी.

रोहतक नगर निगम  की  ताजा कुल जनसंख्या 4 लाख 35 हजार 22  जिसमें बी.सी. (पिछड़ा वर्ग)-ब्लाक ए की आबादी 69 हज़ार 250  जबकि बी.सी. ब्लाक बी की जनसंख्या  25 हजार 492 दर्शाई गई  है.  वर्ष 2011 में हुई पिछले  सेन्सस (जनगणना) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार रोहतक न‌.नि.  की जनसंख्या 4  लाख 17 हजार  355  एवं  एस.सी. (अनुसूचित जाति) की आबादी 72 हजार 632  थी.

करनाल नगर निगम  की  ताजा कुल जनसंख्या 3 लाख 90 हजार 247  जिसमें बी.सी. (पिछड़ा वर्ग)-ब्लाक ए की आबादी 95 हज़ार 949  जबकि बी.सी. ब्लाक बी की जनसंख्या  18 हजार 966 दर्शाई गई  है.  वर्ष 2011 में हुई पिछले  सेन्सस (जनगणना) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार करनाल न‌.नि.  की जनसंख्या 3  लाख 63 हजार  550  एवं  एस.सी. (अनुसूचित जाति) की आबादी 51 हजार 159  थी.

मानेसर नगर निगम  की ताजा कुल जनसंख्या 1 लाख 60 हजार 886  है जिसमें बीसी (पिछड़ा वर्ग ) ब्लाक ए की आबादी 8 हज़ार 659 जबकि बी.सी. ब्लाक बी की जनसंख्या  1 लाख 28 हजार 473 दर्शायी गयी  है.  वर्ष 2011 में हुई पिछले  सेन्सस (जनगणना) के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार मानेसर क्षेत्र  की जनसंख्या 1 लाख 11 हजार  163  एवं  एस.सी. (अनुसूचित जाति) की आबादी 17  हजार 67  थी.

इसी बीच गुरुग्राम जिले के अंतर्गत आज से अढ़ाई वर्ष पूर्व दिसंबर, 2020 में स्थापित  मानेसर नगर निगम के कानूनी अस्तित्व पर ही गंभीर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो गया है.  हेमंत  ने बताया कि हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 के मौजूदा  प्रावधानों अनुसार प्रदेश में  नगर निगम घोषित करने और कायम रखने  हेतु  सम्बंधित क्षेत्र में  न्यूनतम तीन लाख की जनसंख्या होना कानूनन आवश्यक है. वर्ष 2002 से पहले हालांकि जनसँख्या कि यह  सीमा पांच लाख होती थी परन्तु तत्कालीन ओपी चौटाला सरकार ने 1994  कानून में संशोधन कर उसे घटाकर तीन लाख कर दिया था. बहरहाल, शहरी निकाय विभाग द्वारा जारी ताज़ा नोटिफिकेशन में  मानेसर नगर निगम के अंतर्गत पड़ने वाले क्षेत्र की आबादी तीन लाख से कम होने  के फलस्वरूप उसके कानूनी अस्तित्व पर ही सवाल  उठता है.

एडवोकेट हेमंत का  यह भी कहना है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243(पी) और   हरियाणा नगर निगम कानून, 1994  की धारा 2(45)   अनुसार  नगर निकाय विषयों   में किसी अमुक  नगरीय क्षेत्र की जनसँख्या होती  है  देश की पिछली हुई जनगणना (सेन्सस) के प्रकाशित आंकड़ों के आधार पर  जनसँख्या. इसी  के आधार पर नगर निकाय चुनावों में  वार्डबंदी और विभिन्न वर्गों के लिए वार्डों और पदों पर  आरक्षण तय हो सकता है. हरियाणा परिवार पहचान कानून, 2021  वास्तव में  प्रदेश वासियों को राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही  विभिन्न स्कीमों, सेवाओं, सब्सिडी और लाभ प्रदान करने लिए बनाया गया है एवं इसके अंतर्गत स्थापति परिवार सूचना डेटा कोष का  प्रयोग नगर निकाय चुनावों में केवल  पिछड़ा वर्ग (ए) और पिछड़ा वर्ग (बी) को आरक्षण प्रदान करने के करना सर्वथा गलत है. इसे कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है.

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