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ऑपरेशन पड़ताल : सरकारी पदो पर कार्यरत कर्मचारी भाजपा उम्मीदवार ज्ञान चंद गुप्ता का कर रहे चुनाव प्रचार

 

जंगशेर राणा चंडीगढ़

विधानसभा का मीडियाकर्मी दिनेश शर्मा, फिर …. विधानसभा का एक और कर्मचारी उमंग प्रोग्राम में कैमरा चलाते हुए देखा गया कर्मचारी भाजपा उम्मीदवार ज्ञान चंद गुप्ता का चुनाव प्रचार कर रहे हैं। अब … आयोग की … सोनिया अग्रवाल भी ज्ञान चंद गुप्ता के पक्ष में नारेबाजी करती हुई नजर आ रही है।

आदर्श आचार संहिता का किस तरह से मजाक बनाया जा सकता है, यह देखना है तो ज्ञान चंद गुप्ता के चुनाव प्रचार को देख लीजिए। उन्होंने अपने लोगों को पहले तो सरकारी नौकरी में एडजेस्ट करने में बैक डोर एंट्री का सहारा लिया। अब इसके बदले इनसे चुनाव प्रचार का काम लिया जा रहा है। नेता ने इन पर जो उपकार किया,अब इसका बदला वह चुनाव प्रचार कर पूरा कर रहे हैं।

लेकिन ज्ञान चंद गुप्ता इस तरह से चुनाव प्रचार में इन विधानसभा के इन कर्मचारियों को लगाना उन पर कई तरह के सवाल खड़ा कर रहा है। खासतौर पर तब जब वह विधानसभा में स्पीकर जैसे अति प्रतिष्ठित पद पर रह चुके हैं।

उनसे उम्मीद की जाती रही है कि वह आचार संहिता का पालन कड़ाई से करेंगे,लेकिन यहां तो उल्टा ही हो रहा है।

इधर चुनाव आयोग भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसा लग रहा है कि आयोग ने ज्ञान चंद गुप्ता को मौन स्वीकृति दे रखी है। समाज सेवी यूथ फॉर चेंज के अध्यक्ष एडवोकेट वीरेंद्र ढुल ने इस बाबत चुनाव आयोग को पत्र भी लिखा है। इसमें आरोप लगाया कि भाजपा प्रत्याशी सरेआम आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं। अभी तक चुनाव आयोग ने इस पर संज्ञान नहीं लिया है।

हालांकि आयोग की ओर से बार बार विज्ञप्ति जारी कर दावा किया जा रहा है कि आदर्श आचार संहिता का पालन किया जाए।यदि कोई इसकी उल्लंघना करता है तो उसकी शिकायत आयोग से की जाए। इस पर तुरंत ही कार्यवाही होगी। लेकिन ऐसा लग रहा है कि ज्ञान चंद गुप्ता के मामलें में आयोग के यह दावे भी खरे नहीं उतर रहे हैं।
वीरेंद्र ढुल ने बताया कि होना तो यह चाहिए कि ज्ञान चंद गुप्ता की उम्मीदवारी ही खत्म होनी चाहिए। क्योंकि उन्होंने लगातार सरकारी कर्मचारियों को अपने चुनाव प्रचार में लगाया हुआ है।

इस तरह से मतदाताओं पर दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे में कैसे निष्पक्ष और इमानदारी से आम वोटर अपने मत का इस्तेमाल करेगा? यह बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस बाबत पहले भी आयोग को पत्र लिखा था, अब फिर से आयोग को एक पत्र लिख कर सोनिया अग्रवाल व इन कर्मचारियों की शिकायत की जाएगी। देखना यह होगा कि चुनाव आयोग इस पर कार्यवाही करता है या नहीं।

बॉक्स : जब महिला आयोग वॉइस चैयरमैन सोनिया अग्रवाल से फोन पर बात करनी चाही तो उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया।

बॉक्स : जब हमारे संवाददाता ने उनसे बात की। तो उमंग ने साफ मना किया कि वो विधानसभा में काम नहीं करते।

कैमरा हाथ में लेकर प्रचार में जुटा उमंग का फोटो

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