राज्य
एडीआर सेंटर में चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर जिला अधिकारियों की हुई बैठक आयोजित
सीजेएम पवन कुमार और पीएलए चेयरमैन हरचरण सिंह ने दिए जरूरी दिशा-निर्देश
भिवानी, 13 नवम्बर। एडीआर सेंटर में चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर जिला अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिला न्यायालय के प्रमुख न्यायधीश पवन कुमार ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए, जिससे राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान अधिक से अधिक मामलों का निपटारा किया जा सके। इस बैठक में पीएलए (लोक अदालत) के चेयरमैन हरचरण सिंह भी उपस्थित थे। उन्होंने इस अवसर पर अधिकारियों को सलाह दी कि समय रहते सभी मामलों को न्यायालय में भेजने का काम सुनिश्चित करें, ताकि लोक अदालत के दौरान अधिक से अधिक मामले निपटाए जा सकें।
सीजेएम पवन कुमार ने अधिकारियों से अपील की हैं कि वे राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन के दौरान नागरिकों के मामलों का अधिकतम निपटारा करने की कोशिश करें। उन्होंने कहा, “लोक अदालत का उद्देश्य न्याय को त्वरित और सुलभ तरीके से लोगों तक पहुंचाना है, इसलिए हमें इसे एक अवसर के रूप में देखना चाहिए।” उन्होंने बताया कि लोक अदालतों में अधिकतर मामलों का निपटारा सुलह और समझौते के आधार पर किया जाता है, जिससे न्यायालयों पर बोझ कम होता है और न्याय जल्दी मिलता है।
सीजेएम पवन कुमार ने यह भी निर्देश दिए कि प्रत्येक विभाग से संबंधित अधिकारियों को अपने मामलों को समय पर लोक अदालत में भेजने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी मामले में देरी न हो और उसे समय पर निपटाने की प्रक्रिया में कोई रुकावट न आए।
पीएलए चेयरमैन हरबंस सिंह ने बैठक में कहा कि लोक अदालत के माध्यम से अदालतों में लंबित मामलों की संख्या में भारी कमी लाई जा सकती है। उनका कहना था, “लोक अदालतें विशेष रूप से उन मामलों के लिए बहुत प्रभावी हैं जिनमें पक्षकारों के बीच आपसी सहमति से समझौता किया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि समय पर मामलों को लोक अदालत में भेजने से न्याय का वितरण और अधिक तेज़ी से हो सकता है और नागरिकों को त्वरित न्याय मिल सकता है।
हरचरण सिंह ने कहा कि लोक अदालतों के माध्यम से न्यायालयों पर बढ़ते बोझ को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि सभी मामले सही समय पर संबंधित न्यायालय में भेजे जाएं, ताकि उन पर उचित कार्रवाई की जा सके।
बैठक के दौरान, सीजेएम पवन कुमार और पीएलए चेयरमैन हरचरण सिंह ने लोक अदालतों के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन नियमित रूप से किया जाता है, और यह एक बेहतरीन मंच है, जहां विवादों का समाधान आपसी सहमति से किया जाता है, जिससे दोनों पक्षों को जल्दी और कम खर्च में न्याय मिल जाता है।
उन्होंने कहा, “लोक अदालतों का उद्देश्य सिर्फ लंबित मामलों का निपटारा नहीं है, बल्कि यह भी है कि न्याय के अधिकार से वंचित नागरिकों को न्याय का लाभ समय पर मिले।” लोक अदालतों में परिवारिक विवाद, ऋण वसूली, भूमि विवाद, और अन्य ऐसे कई मामलों का समाधान किया जाता है, जिन्हें अदालतों में लंबी प्रक्रिया के दौरान सुलझाना मुश्किल होता है।
इस बैठक में जिला प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक के दौरान अधिकारियों ने राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अपनी योजना पर भी विचार विमर्श किया। अधिकारियों ने यह तय किया कि जल्द से जल्द सभी लंबित मामलों को लोक अदालत के आयोजन में शामिल किया जाएगा।
इस बैठक में इंश्योरेंस, बैंक, जनस्वास्थ्य विभाग, पुलिस, राजस्व, आरटीओ विभाग से संबंधित अधिकारियों मौजूद रहे।