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आपात स्थिति में किया गया रक्तदान समाज के प्रति जिम्मेवारी का निर्वाह : सुरेंद्र संभ्रवाल

जीवन बचाने के साथ-साथ रक्तदाता को मानसिक संतोष व स्वास्थ्य लाभ भी देता है रक्तदान : संभ्रवाल

भिवानी, 27 नवंबर : रक्तदान एक ऐसा परोपकार कार्य है, जो ना केवल जरूरतमंद मरीजों का जीवन बचाने में सहायक है, बल्कि समाज में एकता व मानवता का मूल्यों को प्रोत्साहित भी करता है। ऐसे में प्रत्येक जन को चाहिए कि वह रक्तदान-महादान के संदेश को अपनाए इस पुण्य कार्य के भागी बनें। यह बात पालेराम चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक सुरेंद्र संभ्रवाल ने बुधवार को आपात स्थिति में रक्तदान करने वाले दो युवा रक्तदाताओं को सम्मानित करते हुए कही। इस दौरान उनके साथ स्थानीय चौ. बंसीलाल नागरिक अस्पताल की ब्लड बैंक प्रभारी डा. मोनिका एवं विरेंद्र सिंह मिंटू भी मौजूद रहे। सुरेंद्र संभ्रवाल ने बताया कि बुधवार सुबह ब्लड बैंक से उन्हे सूचना मिली कि डेंगू मरीजों के लिए दो यूनिट ओ-पॉजिटीव ब्लड गु्रप की आवश्यकता है। जिसके बाद उन्होंने तुरंत अपने साथी सतीश धायल व रूपेश भाटिया से संपर्क किया तथा रक्तदान करवाया। उन्होंने आपात स्थिति में रक्तदान करने वाले दोनों रक्तदाताओं का आभार जताया। संभ्रवाल ने कहा कि आपात स्थिति में किया गया रक्तदान कई जीवन बचाने में सहायक हो सकता है। उन्होंने कहा कि आपात स्थिति में रक्तदान करके समाज के प्रति जिम्मेदारी का निर्वहन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति द्वारा दान किया गया रक्त तीन लोगों तक की जान बचा सकता है। इसके अलावा रक्तदान दानकर्ता को मानसिक संतोष और स्वास्थ्य लाभ भी देता है। उन्होंने कहा कि रक्तदान से रक्त संचार बेहतर होता है और शरीर में नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण होता है। यह हृदय रोग और रक्तचाप की समस्या को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। इसीलिए प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को चाहिए कि वह समय-समय पर रक्तदान करे।

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