आध्यात्मिक प्रश्रोत्तरी में युवाओं की भुमिका: बीके सुमित्रा
भिवानी, 16 सितंबर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारिज की शाखा सिद्धि धाम में आध्यात्मिक प्रश्रोत्तरी प्रतिस्पर्धा का आयोजन शाखा प्रमुख राजयोगिनी बीके सुमित्रा के सानिध्य में किया गया। बीके सुमित्रा बहन ने बोलते हुए कहा कि आज की आधुनिक चकाचौंध में युवा वर्ग पाश्चात्य सभ्यता की गिरफत में जकड़ता जा रहा है। ऐसे में जरूरी है जीवन को सरल और शुलभ बनाने के लिए आध्यात्मिकता को अपनाना और भी जरूरी हो जाता है। क्योंकि युवा अपने भविष्य को देशहित में तथा रचनात्मक और सकारात्मक कार्यों में लगाए ताकि खुद के भविष्य को संवार सके और दुसरे युवा साथियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन सके। ये सभी आध्यात्म से ही संभव है। प्रतिस्पर्धा में कुमारी कोमल, पूनम, आशा, कुमारी वैष्णवी, कुमारी मिनाक्षी, कुमारी रूपाक्षी, कुमार युवराज समेत 10 युवाओं ने भाग लिया। जिसमें आठ युवा उत्तीर्ण रहे। जिन्हें पुरस्कार और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर म्हारी संस्कृति म्हारा स्वाभिमान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हनुमान कौशिक ने उत्तीर्ण रहे युवाओं को पुरस्कृत करते हुए कहा कि युवा अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए आध्यात्म और सकारात्मक विचारों का खजाना अपने जहन में रखें। जिससे अपनी सामाजिक सभ्यता और सांस्कृतिक विरासत से दूसरों को रूबरू करवा सकें। ये सभी संभव है आध्यात्म से जो हमारे पौराणिक और प्राचीन मर्यादा है। हमें अपने पूर्वजों के नकसे कदम पर चल कर समाज को एक अच्छी दशा और दिशा देनी है। यह युवा वर्ग का नैतिक दायित्व बनता है। इस अवसर पर बीके आरती, बीके शरदा, बीके संतोष, बीके सुशील, बीके राजेश व मीडिया कॉर्डिनेटर बीके धर्मवीर आदि उपस्थित रहे।