अमित शाह की रैली से पहले रूठे भाजपाइयों को मनाने पहुंचे भाजपा संगठन मंत्री रविंद्र राजू और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला
तीन घंटा तक सुना नाराज गुट का पक्ष, दिया आश्वासन सही मांग हाईकमान के समक्ष रखी जाएंगे
रूठे भजपाई अमित शाह की रैली में होंगे शामिल संशस्य बरकार, नाराज गुट बैठक कर लेगा कोई फैसला
जगंशेर राणा/
ऑनलाइन दैनिक भास्कर ब्युरो, चंडीगढ l
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की 18 जून की सिरसा रैली को लेकर भाजपा तैयारियों में जुटे हुए है। पर पुराने भाजपाइयों की हाईकमान से नाराजगी पार्टी को भारी पड़ रही है। सोमवार को नाराज गुट को मनाने के लिए भाजपा संगठन मंत्री रविंद्र राजू और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला सिरसा पहुंचे और करीब तीन घंटा तक उनका पक्ष सुना। उनका कहना है कि पार्टी ने जो नियम बनाए है उन पर अमल नही किया जा रहा है और पार्टी के खिलाफ काम करने वालो को अहमियत दी जा रही है,
आरएसएस केडर से जुड़े पुराने भाजपाइयों को कोई सुनवाई नही हो रही है। इस पर रविंद्र राजू और सुभाष बराला ने उन्हें आश्वसन दिया कि उनकी सही मांग को हाईकमान के समक्ष रखा जाएगा। उधर इस बात को लेेकर भी संशस्य है कि नाराज गुट अमित शाह की रैली में शामिल होगा या नहीं क्योंकि उनकी नाराजगी अभी तक दूर नही हुई है। नाराज गुट एक बार फिर आपस में बैठकर राय करेंगे कि रैली में शामिल होना है या नहीं। भाजपा हाई कमान की एक आंख रैली पर लगी हुई है तो दूसरी आंख नाराज गुट पर लगी है।
सोमवार को भाजपा संगठन मंत्री रविंद्र राजू और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला सिरसा पहुंचे और सबसे पहले मुख्यमंत्री मनोहरलाल के राजनीतिक सलाहकार रहे जगदीश चौपडा के निवास पर गए । जहां पर पहले से ही पूर्व चेयरपर्सन रेणु शर्मा, पूर्व चेयरमैन हनुमान कुुंडू, डा.भीम सैन शर्मा, रोहताश जांगडा, बलवान जांगडा, रतनलाल बामनिया,गुरदेव सिंह राही बलदेव सिंह मांगेआना, प्रदीप रातुसरिया, कृष्ण मेहता, शीशपाल कंबोज आदि र्मौजूद थे। इन सभी ने पिछले दिनों सिरसा में आयोजित मुख्यमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी इतना ही नहंी अमित शाह की रैली को लेकर जो भी मीटिंग हुई है उनमे भी शामिल नहंी हुए।
बताया तो यह भी जा रहा है कि नाराज गुट के लोगों को बैठक के बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी गई थी। दोनों नेताओं ने उन का पक्ष सुना। सभी ने एक राय होकर कहा कि पार्टी में पुराने भाजपाइयो को सम्मान नहीं दिया जा रहा है, पार्टी के खिलाफ कार्य करने वालों को अहमियत दी जा रही है। पार्टी एक व्यक्ति एक पद की बात पर भी कायम नहीं है।
नाराज गुट के भाजपाइयों का पक्ष सुनने के बाद दोनों नेताओं ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी जो भी सहीं मांग है उसे हाईकमान के समक्ष रखा जाएगा पर इस बैठक से ऐसा कोई नतीजा सामने नहीं आया कि नाराज गुट की नाराजगी दूर हो गई है ऐसे में माना जा रहा है कि यह गुट शाह की रैली में भी शामिल होगा या नहीं।
बताया जा रहा है कि नाराज भाजपाई एक बार फिर अपनी बैठक कर तय करेंगे कि रैली में शामिल होना या नहीं पर ऐसे आसार लगाए जा रहे है कि वे लोग इस रैली से भी दूरी बनाकर रखेंगे। इनकी नाराजगी इस बात को लेकर है कि पुराने नेताओं जिन्होंने भाजपा को खून पसीने से सींच कर धरातल पर खड़ा किया उन्हें एक कोने में खड़ा कर दिया गया। पार्टी उन लोगों को ज्यादा तव्वजों दे रही है जो दूसरे राजनीतिक दल छोडकर सत्ता के लालच में भाजपा में आए है, ऐसे लोगों को विश्वास नहीं किया जा सकता, जब उन्हें सत्ता सुख मिलता नहीं दिखेगा तो वे भाजपा को छोडक़र किसी दूसरे राजनीतिक दल की ओर चले जाएंगे।