राजनीति
अब आंखों को भी दर्द: आमरण अनशन पर बैठे 7 सरपंच व किसानों को हुआ आई फ्लू
टंकी पर चढ़े किसानो के समर्थन में महिलाओं ने धरनास्थल पर पहुंचकर की नारेबाजीकिसान कमेटी व जिला प्रशासन के बीच हुई वार्ता, आज दिल्ली में होगी तकनीकी कमेटी की बैठक
राजेन्द्र कुमार
सिरसा। हरियाणा में सिरसा जिले में वर्ष 2022 का फ़सल बीमा क्लेम अभी तक नहीं मिला है। बीमा क्लेम की मांग को लेकर गांव नारायण खेड़ा के पेयजल केंद्र में बनी 110 फीट पानी की टंकी पर 4 किसान पिछले 9 दिन से चढ़े हुए हैं। वहीं 13 किसान व सरपंच आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। इनमें आमरण अनशन पर बैठे 7 सरपंच व किसानों के आई फ्लू हो गया है। इससे अब आमरण अनशन पर बैठों को आंखों में दर्द दे रहा हैं।
सिरसा। हरियाणा में सिरसा जिले में वर्ष 2022 का फ़सल बीमा क्लेम अभी तक नहीं मिला है। बीमा क्लेम की मांग को लेकर गांव नारायण खेड़ा के पेयजल केंद्र में बनी 110 फीट पानी की टंकी पर 4 किसान पिछले 9 दिन से चढ़े हुए हैं। वहीं 13 किसान व सरपंच आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। इनमें आमरण अनशन पर बैठे 7 सरपंच व किसानों के आई फ्लू हो गया है। इससे अब आमरण अनशन पर बैठों को आंखों में दर्द दे रहा हैं।
वही जिला उपायुक्त कार्यालय में जिला प्रशासन व किसानों के 15 सदस्यों की गठित कमेटी के बीच वार्ता हुई। किसानों का प्रतिनिधित्व भारतीय किसान यूनियन के रवि आजाद, प्रकाश ममेरा, सहित कुल 15 सदस्यों ने हिस्सा लिया। बैठक एक घंटा चली जिसमे कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ बाबू लाल ने बताया कि इस सिलसिले में कृषि मंत्री जे पी दलाल की विभाग व बीमा कंपनी के अधिकारियों के साथ पिछले तीन दिन से वार्तालाप हो रहा है।
शुक्रवार को दिल्ली में तकनीकी कमेटी की बैठक प्रस्तावित है जिसमें तय हो पाएगा कि आखिर किसानों को बीमा कंपनी कब राशि का भुगतान कर पाएगी। वही नारायण खेड़ा गांव में बीमा क्लेम की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसानों का समर्थन देने के लिए हरियाणा ही नहीं पंजाब, राजस्थान सहित अनेकों प्रदेशों से किसान ट्रैक्टर व वाहनों में पहुंचे रहे हैं। इसी के साथ जिले के अनेकों गांवों के किसान व महिलाएं जत्थों में पहुंचे रहे हैं। वीरवार को गांव गिगोरानी, लुदेसर, कुम्हरियां, गदली सहित अनेक गांवों के किसान पहुंचे। डीजे की धुन पर नाचते हुए किसानों ने नारेबाजी कर रोष व्यक्त किया।
टंकी पर चढ़े किसान भरत सिंह ने बताया कि अभी तक टंकी पर चढ़े हुए नौ दिन हो गये हैं। अधिकारी आते हैं, चले जाते हैं, मगर यह कोई बताने के लिए तैयार नहीं कि आखिर बीमा क्लेम क्योंं नहीं मिल रहा। अब तो पानी की टंकी पर चक्कर आ रहे हैं। टंकी पर रात्रि के समय काफी तकलीफ झेलनी पडती है। रात्रि के समय नींद नहीं आ रही है। यहां पर कबूतरों की बीठ से बदूब आ रही है। वहीं जगह नहीं होने पर अच्छे से सो नही पा रहे हैं।
उधर, संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय कमेटी के सदस्य प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने गांव नारायण खेड़ा में किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार किसान विरोधी काम कर रही है। हरियाणा सरकार बीमा कंपनी को लाभ पहुंचाने का काम कर रही है। बीमा क्लेम पर कंपनी द्वारा ऑब्जेक्शन लगाया गया है कि कृषि विभाग द्वारा बनाई गई बीमा क्लेम की रिपोर्ट गलत है, जबकि कृषि विभाग सरकारी विभाग है। सरकार द्वारा प्राइवेट कंपनी चिह्नित की है, जबकि सरकार की खुद की बीमा कम्पनी उसके बावजूद प्राइवेट कम्पनी से फसल बीमा करवाया जाता है, क्योंकि फसल बीमा में बहुत बड़ा मुनाफा होता है, इसलिए सरकार में बैठे लोग कंपनियों के साथ सांठ गांठ करके कंपनियों से बीमा करवाने के बदले मोटा पैसा वसूल करते हैं और कम्पनी फिर अपनी मन मर्जी करती है और किसानों को फसल बीमा क्लेम सही से नहीं दिया जाता, न ही समय पर क्लेम मिलता है। सिरसा जिला में 2022 का फसल बीमा क्लेम के लिए किसानों को संघर्ष करना पड़ रहा है l