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अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण परिषद ने गुरू नानक देव के प्रकाश पर्व पर किया नमन

सच्चाई, सेवा व भाईचारे का संदेश देती है गुरू नानकदेव जी का जीवन और शिक्षाएं : डा. राजू मेहरा जताई
भिवानी, 15 नवंबर : सिख धर्म के संस्थापक गुरू नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण परिषद द्वारा स्थानीय नई अनाज मंडी स्थित परिषद कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

 

इस मौके पर गुरू नानक देव जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण परिषद के राज्य आयुक्त डा. राजू मेहरा जताई ने कहा कि गुरू नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को तलवंडी (वर्तमान में पाकिस्तान में ननकाना साहिब) में हुआ था। उन्होंने समाज में व्याप्त अंधविश्वास, भेदभाव, और जाति-पाति जैसी कुरीतियों का विरोध किया और एक ईश्वर की भक्ति का प्रचार किया। उनका संदेश था कि सभी मनुष्य एक समान हैं और भगवान को पाने का मार्ग सच्चाई, करुणा, परिश्रम, और ईमानदारी है। उनका जीवन और शिक्षाएं हमें सच्चाई, सेवा और भाईचारे का संदेश देती हैं। उनके उपदेश जैसे नाम जपो, किरत करो, वंड छको (ईश्वर का नाम लो, मेहनत से काम करो, और दूसरों के साथ बांटो) आज भी हमारे जीवन में प्रेरणा का स्रोत हैं। जो कि हमे कि सच्चाई, नम्रता और सेवा का मार्ग दिखाते हैं। उनका जीवन और उनकी शिक्षाएं आज भी हमें प्रेरणा देती है कि हम अपने जीवन में ईमानदारी और करुणा का पालन करें। इस अवसर पर अनुज यादव, संदीप बोदलिया, दीपक चंदावास, जय सिंह खरकिया, रवि कुमार, रविंद्र वैध, राहुल जांगड़ा, नृपेंद्र लखलान आदि मौजूद रहे।

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