Ο राणा कुरुक्षेत्र
अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में देशभर से आए कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेश के लोक नृत्य को प्रस्तुत किया। कलाकारों ने महोत्सव में प्रस्तुतियां देकर समा बांध दिया। वहीं पर्यटकों ने भी तालियां बजाकर कलाकारों का अभिवादन किया और उनकी शानदार प्रस्तुतियों की जमकर सराहना की। रविवार होने के चलते और महोत्सव के मुख्य कार्यक्रमों की शुरुआत के साथ ही ब्रह्मसरोवर के तट पर भारी भीड़ उमड़ी रही। पर्यटकों ने महोत्सव में जमकर खरीदारी की और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लिया।
महोत्सव के 11वें दिन उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल, पंजाब, कश्मीर, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम के साथ-साथ विभिन्न प्रदेशों के कलाकारों ने अलग-अलग प्रस्तुति देकर पर्यटकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इस उत्सव के इस मंच पर देश की लोक संस्कृति को देखा जा सकता है। इन लोक नृत्यों में उत्तराखंड के लोक नृत्य ने पर्यटकों के सामने शानदार प्रस्तुतियां देकर खूब वाहवाही लूटी। वहीं महोत्सव के सरस और क्राफ्ट मेले को देखने के लिए लगातार पर्यटकों और श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है, जिसके चलते दिनभर पर्यटक महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे।
महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम में जान फूंकने का काम पंजाब का भांगड़ा कर रहा है। इस लोक नृत्य की प्रस्तुति देने के लिए पंजाब से विशेष ग्रुप को आमंत्रित किया गया है। पंजाब के साथ-साथ विभिन्न प्रदेशों के लोक कलाकारों ने भी अपने-अपने लोक नृत्यों कार्यक्रम की प्रस्तुतियां दीं। इन कलाकारों ने नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। साथ ही ब्रह्मसरोवर के तट पर देश की संस्कृति का केंद्र बनता नजर आया। इस मंच पर सभी प्रदेशों की संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है।
बहरूपिए कर रहे हैं पर्यटकों का भरपूर मनोरंजन
महोत्सव में बहरूपिए पर्यटकों का भरपूर मनोरंजन कर रहे हैं। राजस्थान से आए बहरूपिए और कलाकारों के साथ पर्यटक जमकर सेल्फी खिंचवाकर आनंद ले रहे हैं। बहरूपिए पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने पर मजबूर कर रहे हैं। यह कलाकार 24 दिसंबर तक इस महोत्सव में अलग-अलग वेशभूषा बदलकर पर्यटकों व स्थानीय लोगों का भरपूर मनोरंजन करेंगे।